बिलासपुर। छत्तीसगढ़ी बोली को जनभाषा बनाने के लिए पद्मश्री पं श्यामलाल चतुर्वेदी हमेशा याद किए जाएंगे. छत्तीसगढ़ी को राजभाषा बनाने के लिए केंद्र की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग जब जब उठेगी उनकी चर्चा होगी, क्योंकि अंतिम सांस तक पंडित चतुर्वेदी इसके लिए प्रयत्नशील रहे. यह बात बिहार स्थित थावे विद्यापीठ गोपालगंज के कुलपति डॉ. विनय पाठक ने कही.
पं श्यामलाल चतुर्वेदी की छठवीं पुण्यतिथि गुरुवार को उनके नाम पर निर्मित स्मार्ट रोड स्थित उनकी प्रतिमा स्थल पर मनाई गई. इस मौके पर पत्रकार, साहित्यकार, कवि और राजनेता उपस्थित हुए. कार्यक्रम में शामिल छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय पाठक ने कहा कि छत्तीसगढ़ी बोली को भाषा बनाने के लिए पद्मश्री पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी ने अविस्मरणीय योगदान किया. छत्तीसगढ़ी में लेखन की शुरुआत पद्मश्री पंडित मुकुटधर पांडेय, लोचन प्रसाद पांडेय, पंडित सुंदरलाल शर्मा ने की. इसे आगे बढ़ाने का कार्य पंडित द्वारिका प्रसाद तिवारी ‘विप्र’, प्यारेलाल गुप्ता और पंडित चतुर्वेदी ने किया.
उन्होंने कहा कि पंडित चतुर्वेदी ने हिंदी और छत्तीसगढ़ी में इतना लिखा कि वह एमए के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया और उनके रचना संसार का उपयोग निरंतर रिसर्च में भी किया जा रहा है. चतुर्वेदी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर रविशंकर विश्वविद्यालय से तीन और गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से दो छात्रों को पीएचडी की उपाधि मिल चुकी है. बेलतरा से नवनिर्वाचित विधायक सुशांत शुक्ला ने छत्तीसगढ़ी में संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़िया टूरा अपन महापुरुष ला पुष्पांजलि देहे बर आए हे. छत्तीसगढ़ी साहित्य अऊ संस्कृति के विकास, अस्मिता बर मोर गिलहरी कस योगदान रईही.
बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली व उपाध्यक्ष संजीव पांडेय ने कहा कि पं. चतुर्वेदी की पकड़ हिंदी और छत्तीसगढ़ी साहित्य में समान रूप से थी. रचनात्मक पत्रकारिता की वे मिसाल थे. कार्यक्रम में पूर्व मेयर किशोर राय, नगर निगम में उप नेता राजेश सिंह ठाकुर, बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली, उपाध्यक्ष संजीव पांडेय, डा अरुण कुमार यदु, छत्तीसगढ़ी कवि सनत तिवारी, डॉ. राघवेंद्र दुबे, शशिकांत चतुर्वेदी, सूर्यकान्त चतुर्वेदी, डॉ. सुषमा शर्मा, ममता चतुर्वेदी, अंबरीश चतुर्वेदी, प्रमोद पटेल, अखिलेश यादव, शेखर अग्रवाल, अंजनी कुमार तिवारी ‘सुधाकर’, राकेश पाण्डेय, राजकुमार तिवारी राजा, जितेंद्र सिंह, शिव साहू उपस्थित रहे.