नई दिल्ली . दिल्ली सरकार ने विधायक निधि को को चार करोड़ से बढ़ाकर सात करोड़ कर दी है. वहीं, दिल्ली बीजेपी विधायकों ने सरकार से इसे 10 करोड़ करने की मांग की है.
दिल्ली सरकार ने विधायक निधि बढ़ाने फैसला शुक्रवार को विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले किया है. मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सदन में विधायक फंड बढ़ाए जाने की जानकारी सभी को दी. उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री का सदन के जरिए धन्यवाद करूंगा कि विधायक निधि को 4 करोड़ से बढ़ाकर 7 करोड़ कर दिया गया है.
कई विधायकों ने की थी मांग
इससे पहले दिल्ली सरकार ने विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास (एलएडी) निधि को मंजूरी दी थी. दिल्ली में एक विधायक को वर्तमान में अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए एक वर्ष में 4 करोड़ रुपये मिलते हैं. केजरीवाल सरकार ने कहा था कि एमएलएएलएडी फंड बढ़ाने की मांग हर विधायक की थी.
मार्च में बढ़ी थी विधायकों की सैलरी
इससे पहले इसी साल मार्च में दिल्ली सरकार ने विधायकों की सैलरी 66 प्रतिशत बढ़ाई थी. विधायकों को 54,000 के बजाय अब 90,000 रुपये प्रति माह मिल रहे हैं. मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष और विपक्ष के नेता समेत सभी विधायकों को वेतन और भत्ते मिलाकर कुल 1.70 लाख रुपये प्रति माह मिलते हैं जबकि पहले उन्हें 72,000 रुपये मिलते थे. यह प्रस्ताव 4 जुलाई 2022 को दिल्ली विधानसभा में पारित किया गया था. दिल्ली में विधायकों की सैलरी 12 साल बाद बढ़ाई गई थी. अधिसूचना के मुताबिक, बढ़े हुए वेतन सभी 70 विधायकों के लिए 14 फरवरी 2023 से प्रभावी हैं.
4 जुलाई 2022 को दिल्ली विधानसभा में पांच अलग-अलग विधेयक पारित कर मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, मुख्य सचिव, विधानसभा अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा गया था. प्रस्ताव पर विचार करने के बाद राष्ट्रपति ने 14 फरवरी को इसे मंजूरी दे दी, जिसके बाद विधायकों की सैलरी में करीब 66 फीसदी का इजाफा हुआ था. पहले उनकी बेसिक सैलरी 12,000 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है. दैनिक भत्ता भी 1,000 से बढ़ाकर 1,500 कर दिया गया था. मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष और विपक्ष के नेता का वेतन भी इतना ही बढ़ाया गया है.