मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (Chief Election Commissioner Sushil Chandra) ने गुरुवार को लखनऊ में यूपी की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के साथ बैठक की और उनका सुझाव लिया.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (Chief Election Commissioner Sushil Chandra) ने गुरुवार को लखनऊ में यूपी की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के साथ बैठक की और उनका सुझाव लिया. इस दौरान सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव को तय समय पर कराने पर जोर दिया. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के सभी डीएम और एसपी के साथ भी बातचीत की. आयोग ने आयकर विभाग, जीएसटी, ईडी और बैंकों के साथ भी बैठक की.
बैठक में इन पार्टियों ने लिया हिस्सा
राजनीतिक पार्टियों के साथ हुई बैठक के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (Chief Election Commissioner Sushil Chandra) ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेस में बताया कि हमने राजनीतिक दलों के साथ बैठक की. इस बैठक के दौरान टीएमसी, बीएसपी, कांग्रेस, बीजेपी, समाजवादी पार्टी और आरएलडी ने चुनाव आयोग से मुलाकात की.
तय समय पर चुनाव कराना चाहती हैं सभी पार्टियां
सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि बैठक में शामिल सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने तय समय पर चुनाव कराने की मांग की. सभी पार्टियों ने बताया कि कोविड नियमों का पालन करते हुए समय पर चुनाव होने चाहिए.’
निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध: सुशील चंद्रा
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने बताया, ‘उत्तर प्रदेश में विधान सभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को खत्म हो रहा है और कुल 403 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
राजनीतिक दलों ने इन मुद्दों पर जताई चिंता
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया, ‘यूपी चुनाव प्रलोभन मुक्त हो, ये हमारी कोशिश है. बैठक के दौरान कुछ राजनीतिक दलों ने प्रशासन के पक्षपात रवैये की शिकायत की, हेट स्पीच और पेड न्यूज पर चिंता व्यक्त की. हमारा प्रयास स्वतंत्र, निष्पक्ष और कोविड सेफ चुनाव कराना है.’ सुशील चंद्रा ने बताया, ‘जिला निर्वाचन अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि सभी राजनीतिक दलों की शिकायतों को सुनें और दूर करें.’
यूपी में कुल 15 करोड़ हैं मतदाता
सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने जानकारी देते हुए बताया, ‘राज्य में लगभग 15 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं और कुल मतदाताओं की संख्या बढ़ सकती है. अब तक 52.8 लाख नए मतदाताओं को शामिल किया गया है, जिनमें से 19.89 लाख मतदाता 18-19 आयु वर्ग के हैं.’ उन्होंने बताया, ‘चुनाव आयोग की तरफ से 5 जनवरी 2022 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा. मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद भी अगर किसी का नाम छूट गया है तो वो अपना क्लेम फाइल कर सकते हैं और अपना नाम जुड़वा सकते हैं.’
इस बार बढ़ा महिला वोटर्स का अनुपात
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘पिछले चुनाव में महिला मतदाताओं का अनुपात 839:1000 था, लेकिन अब आयोग के प्रयासों से 859 का अनुपात हो गया है. 28.8 लाख महिला मतदाताएं नई शामिल हुई हैं.’ उन्होंने बताया, ‘यूपी में 10 लाख 64 हजार दिव्यांग मतदाता हैं. 80 वर्ष से ऊपर, दिव्यांग मतदाताओं और कोविड प्रभावित मतदाताओं को घर बैठकर वोटिंग का मौका दिया जाएगा.’
बढ़ाए जाएंगे पोलिंग बूथ
सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने बताया, ‘पहले 1500 लोगों पर एक बूथ था, अब एक बूथ पर 1250 वोटर कर दिया गया है और पोलिंग बूथ की संख्या 11 हजार बढ़ गई है. इस बार यूपी में 1 लाख 74 हजार 352 मतदान स्थल हैं. सभी जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि पोलिंग बूथ पर खुद जाएं और व्यवस्था दिखाएं. यूपी में 800 पोलिंग बूथ ऐसे होंगे, जिसमें सभी कर्मचारी और सुरक्षा अधिकारी महिलाएं होंगी.’
वोटर कार्ड नहीं है तो काम आएंगे ये पहचान पत्र
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने बताया, ‘अगर किसी मतदाता के पास पहचान पत्र नहीं है तो 11 अन्य पहचान पत्र के जरिए भी वो वोट दे सकते हैं. वोटिंग के लिए आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड और पैन कार्ड जैसे डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल किया जा सकता है.’
कोविड प्रोटोकॉल पर पर क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त?
कोविड प्रोटोकॉल के बारे में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने कहा, ‘हमने हेल्थ सेक्रेटरी और मुख्य सचिव से बात की है. हमें जो बताया गया है कि 49 फीसदी लोगों को टीके की दूसरी डोज लग चुकी है. हमने आदेश दिए हैं कि वैक्सीनेशन को बढ़ाया जाए ताकि जल्द से जल्द पहली डोज 100 प्रतिशत हो जाए. पूरे यूपी में ओमिक्रॉन के सिर्फ 4 केस आए हैं, जिसमें से 3 ठीक हो चुके हैं. कोविड को देखते हुए यूपी आने से पहले मैंने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव से चर्चा की थी. मैंने कहा था कि वैक्सीनेशन बढ़ाना पड़ेगा. चुनाव ड्यूटी में वही लगाए जाएंगे, जिन्हें दोनों टीके लगे होंगे. चुनाव ड्यूटी में लगने वाले कर्मचारी फ्रंटलाईन वर्कर होंगे.’