Parliament Security Breach: संसद की सुरक्षा में चूक प्रकरण के बाद से विपक्ष लगातार संसद की सुरक्षा को लेकर सदन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करते हुए हंगामा और विरोध प्रदर्शन कर रहा है. बात यहां तक पहुंच गई कि विपक्ष के 141 सांसद निलंबित कर दिए गए है. इसी बीच गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस के हाथों से लेकर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंप दी है.
बता दें कि विपक्ष के हंगामें बाद सरकार में इस बात को लेकर विचार चल रहा था कि CISF परिसर की सुरक्षा में एक्सपर्ट है इसलिए फ्रिस्किंग और अन्य सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF को दी जाए. जिसके बाद आज इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक नए और पुराने दोनों संसद परिसर और उनकी संबद्ध इमारतों को सीआईएसएफ के व्यापक सुरक्षा घेरे में लाया जाएगा, जिसमें संसद सुरक्षा सेवा (पीएसएस), दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संसद ड्यूटी समूह (पीडीजी) के मौजूदा घटक भी मौजूद होंगे.
जानिए क्या है CISF
सीआईएसएफ एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) है जो वर्तमान में परमाणु और एयरोस्पेस डोमेन (उड़ान उद्योग संबंधी) के अंतर्गत प्रतिष्ठानों, असैन्य हवाई अड्डों और दिल्ली मेट्रो के अलावा राष्ट्रीय राजधानी में कई केंद्रीय मंत्रालयों के भवनों की सुरक्षा करता है.
जानिए क्यों CISF को सौंपी गई संसद सुरक्षा की जिम्मेदारी
गौरतलब है कि बीते 13 दिसंबर को 2 युवकों ने आगंतुक पास के जरिए संसद में प्रवेश किया था और दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूदकर हंगामा मचा दिया. दोनों को मैसूर से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने पास जारी किया था, दोनों पुलिस हिरासत में हैं. साथ ही योजना में शामिल 4 अन्य गिरफ्तार हुए हैं. संसद में सुरक्षा को लेकर विपक्षी सांसद लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. सवाल उठाने पर 143 विपक्षी सांसद निलंबित कर दिए गए हैं.