नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के तौर पर पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह के चुने जाते ही एक बार फिर से विवाद उठ खड़ा हुआ है. महिला पहलवान साक्षी मलिक ने संजय सिंह के चुने जाने पर आपत्ति जताते हुए पहलवानी छोड़ने की घोषणा कर डाली. वहीं बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में पूर्व में सामने आए पहलवानों ने भी इस चुनाव पर एतराज जताया है.
डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के विरोध में पूर्व में प्रदर्शन करने वाले पहलवानों के साथ प्रेस वार्ता करते हुए पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि हमने महिला अध्यक्ष की मांग की है. अगर अध्यक्ष महिला होगी तो उत्पीड़न नहीं होगा. लेकिन, पहले महिलाओं की भागीदारी नहीं थी, और आज आप सूची देख सकते हैं, एक भी महिला को पद नहीं दिया गया. हम पूरी ताकत से लड़े थे, लेकिन यह लड़ाई जारी रहेगी. नई पीढ़ी के पहलवानों को लड़ना होगा.
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद पहलवान बजरंग पुनिया ने बृज भूषण शरण सिंह के वफादार संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष चुने जाने पर कहा कि हम सच्चाई और महिलाओं के लिए लड़ रहे थे, वरना हम भी सक्रिय एथलीट थे, और देश के लिए पदक जीत रहे थे. मुझे नहीं लगता कि बेटियों को न्याय मिलेगा क्योंकि जिस तरह से इस प्रणाली ने काम किया है, बेटियों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें न्यायपालिका पर भरोसा है.
पहलवानों की अतीक की गलतियों को नहीं देखेगा फेडरेशन
वहीं दूसरी ओर डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपने वफादार संजय सिंह के नए डब्ल्यूएफआई प्रमुख चुने जाने के बाद कहा कि मैं नए महासंघ से अनुरोध करता हूं कि किसी भी चीज से पहले अंडर-15 और जूनियर्स की राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित की जाए. वहीं पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के बाद खेल स्पर्धाओं में वापसी होने के सवाल पर कहा कि फेडरेशन खेल देखेगा. वह पहलवानों द्वारा अतीत में की गई गलतियों को नहीं देखेगा.