सभी राज्यों में कई तरह की खास और पारंपरिक व्यंजन बनाई जाती है। खाने-पीने के मामले में छत्तीसगढ़ बहुत संपन्न है। छत्तीसगढ़ को यूं ही धान का कटोरा नहीं कहा जाता है, यहां धान की अच्छी खासी उत्पादन होने के साथ-साथ यहां चावल और चावल के आटे से कई तरह की स्वादिष्ट रेसिपी भी बनाई जाती है, जो खाने में स्वादिष्ट ही नहीं बहुत हेल्दी और पौष्टिक भी होती है। सर्दियां आ गई है, साथ ही धान की कटाई भी हो गई है। नए धान के साथ घरों में नया चावल और उसके आटा से कई तरह की खास पारंपरिक व्यंजन बनाई जाती है। सर्दियों में छत्तीसगढ़ में खास रूप से चौसेला बनाया जाता है, आम बोल चाल की भाषा में आप इसे चावल आटे की पूड़ी समझ सकते हैं। चलिए तो छत्तीसगढ़ की इस खास और पारंपरिक व्यंजन के बारे में जान लें कि यह कैसे बनाई जाती है।
चौसेला बनाने की विधि
- चौसेला बनाने के लिए एक थाली या प्लेट में दो कटोरी चावल का आटा लें।
- एक पैन में पानी गर्म करने के लिए रखें और उस पानी से सख्त आटा गूंथना है।
- गर्म पानी से चावल आटा गूंथने से चौसेला नरम बनती है और बेलने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है।
- आप चाहें तो चावल आटा को कड़ाही में डालकर उसमें थोड़ा-थोड़ा कर गर्म पानी डालें और कलछी की मदद से मिलाते हुए भी आटा गूंथ सकते हैं।
- आटा को गूंथने के बाद उसे और ज्यादा नरम बनाने के लिए हथेली से मसलते हुए अच्छे से गूंथ लें।
- चौसेला का आटा गूंथ जाए तो छोटी-छोटी लोई लें और गोल-गोल पूड़ी बेल लें।
- चौसेला बेलने के बाद कड़ाही में तेल गर्म करने के लिए रखें।
- तेल गर्म हो जाए तो उसमें चौसेला डालकर दोनों तरफ से अच्छे से सेंक लें और परात में निकाल कर रखें।
- आपका चौसेला तैयार है इसके साथ धनिया और टमाटर की चटनी पीस कर परोसें।
- धनिया, मिर्च और टमाटर की चटनी बनाने के लिए पहले धनिया, मिर्च और टमाटर को अच्छे से मिक्सी या सिलबट्टे में पीस लें।
- अब पके हुए एक से दो टमाटर को बारीक काटकर धनिया और मिर्च के पिसे हुए मिश्रण में अच्छे से पीस लें।
- चटनी तैयार है गरमा-गरम चौसेला के साथ खाने के लिए सर्व करें।