Fixed Deposit Interest Rate: देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. नई ब्याज दरें 27 दिसंबर से लागू हो गई हैं. अब ब्याज 3.50% से लेकर 7% तक मिलेगा. ये ब्याज दरें 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी के लिए हैं. हाल ही में कोटक महिंद्रा बैंक ने भी एफडी पर ब्याज दरें बढ़ा दी थीं.
कोटक महिंद्रा बैंक ने भी दरें बढ़ाई थीं
इससे पहले कोटक महिंद्रा बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ाई थीं. अब इस बैंक में एफडी कराने पर आम नागरिकों को 2.75 फीसदी से लेकर 7.25 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है. वरिष्ठ नागरिकों की बात करें तो अब उन्हें एफडी पर 3.25 फीसदी से लेकर 7.80 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है.
एफडी से मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स देना होता है
एफडी से प्राप्त ब्याज पूरी तरह से कर योग्य है. आप एक साल में एफडी पर जो भी ब्याज कमाते हैं वह आपकी सालाना आय में जुड़ जाता है. कुल आय के आधार पर आपका टैक्स स्लैब निर्धारित होता है. एफडी पर अर्जित ब्याज आय को “अन्य स्रोतों से आय” माना जाता है.
अगर आपकी कुल आय एक साल में 2.5 लाख रुपये से कम है तो बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर टीडीएस नहीं काटता है. हालांकि, इसके लिए आपको फॉर्म 15G या 15H जमा करना होगा. ऐसे में अगर आप टीडीएस बचाना चाहते हैं तो फॉर्म 15जी या 15एच जरूर जमा करें.
यदि सभी एफडी से आपकी ब्याज आय एक वर्ष में 40,000 रुपये से कम है, तो टीडीएस नहीं काटा जाता है. वहीं अगर आपकी ब्याज आय 40,000 रुपये से ज्यादा है तो 10 फीसदी टीडीएस काटा जाएगा. पैन कार्ड न देने पर बैंक 20 फीसदी की कटौती कर सकता है.
40,000 रुपये से अधिक की ब्याज आय पर टीडीएस काटने की यह सीमा 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है. वहीं, 60 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों की एफडी से 50 हजार रुपये तक की आय टैक्स फ्री है. इससे ज्यादा आय होने पर 10 फीसदी टीडीएस काटा जाता है.
यदि बैंक ने आपकी एफडी ब्याज आय पर टीडीएस काटा है और आपकी कुल आय आयकर के दायरे में नहीं आती है, तो आप कर दाखिल करते समय काटे गए टीडीएस का दावा कर सकते हैं. यह आपके खाते में जमा कर दिया जाएगा.