कवर्धा. जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर मैकल पर्वत पर चिल्फी बेस बसा हुआ है, जहां इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वैसे चिल्फी घाटी छत्तीसगढ़ के शिमला के नाम से मशहूर है. यह हमेशा से स्थानीय लोगों के साथ ही बाहरी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनी रही है.
छत्तीसगढ़ के शिमला कहे जाने वाले चिल्फी घाटी में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है. इस क्षेत्र में हर साल कड़ाके की ठंड पड़ती है. ठंड के मौसम में चिल्फी घाटी के तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है. हालात ये है कि यहां के लोगों ने गर्म कपड़े और अलाव का सहारा लेना शुरू कर दिया है. तामपान सात डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा रहा है. इसके साथ ही सुबह-सुबह ओस की बूंदें घास और पेड़े-पौधों की पत्तियों में जमने लगी है, जो मोतियों की तरह चमक रही.
यहां के तापमान की तो अन्य जगहों की अपेक्षा चिल्फी घाटी के तापमान में हमेशा गिरावट रहती है. फिलहाल यहां का औसत तापमान छह से सात डिग्री सेल्सियस गिर चुका है. ठंड के कारण पूरी घाटी कोहरे से ढक जाती है. मानों कि बादलों ने पहाड़ों को अपनी आगोश में ले लिया हो. कोहरे के हटते ही सुंदर घाटी दिखने लगती है. वहीं शाम होते ही गुलाबी ठंड सिहरन पैदा करती है.
बता दे कि चिल्फी घाटी में नए साल में सैलानियों की भीड़ उमड़ती है. कुछ वर्ष पूर्व क्रिकेटर भारतीय टीम के कप्तान अनिल कुंबले अभी यहां पहुंचे थे और सुंदर वादियों की नजारा का लुप्त उठाए थे. वैसे सैलानियों के लिए पर्यटन विभाग द्वारा सरोदा दादर गांव में रिसॉल्ट भी बनाया गया है, जहां शैलानी रात रुकते हैं और सुबह-सुबह यहां के नजारे को देखते हैं. यानी यहां के नजारे किसी शिमला से कम नहीं है. यही कारण सैलानी पसंद करते हैं. इनके अलावा चिल्फ़ी से 5 किलोमीटर दूर एक पीडाघाट भी है, जो आकर्षण का केंद्र है.