राजनांदगांव। भागवताचार्य पंडित अर्पित भाई शर्मा ने कहा कि भक्त और भगवान का संबंध काफी गहरा होता है,दोनों ही एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। भक्ति अगर संकट में होता है तो भगवान अवश्य आते हैं। मन में भक्ति और सत्यता है तो भगवान हमारे बुलावे में आते ही हैं। उन्होंने हिरण्यकश्यप और प्रहलाद के बारे में बोलते हुए कहा कि प्रहलाद की भक्ति सच्ची थी इसलिए संकट से उबारने के लिए भगवान खंबे से बाहर निकल आए ।
भागवताचार्य पंडित अर्पित भाई शर्मा ने यहां बलदेव बाग के साहू अपार्टमेंट में प्रकाश नत्थानी एवं प्रमोद नत्थानी परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में व्यासपीठ से बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान को हर पल अपने भक्तों की चिंता रहती है इसलिए वे उसे संकट से उबार लेते हैं। कथा के चतुर्थ दिवस उन्होंने कहा कि भक्त की वाणी को सत्य करने के लिए भगवान स्तंभ से प्रकट हो जाते हैं और वो भी ऐसे रूप में जिसे देखते ही लोग सहम जाए,इसे ही नरसिंह भगवान अवतार कहा जाता है । उन्होंने कहा कि जब लोग नरसिंह अवतार से घबरा रहे थे तब भक्त प्रह्लाद ईश्वर की भक्ति में लीन थे। भगवान नरसिंह ने बाद में उन्हें अपनी गोद में बिठाकर स्नेह दिया। पंडित शर्मा ने गज और ग्राह की कथा का भी श्रवण कराया । भगवान ने क्यू वामन अवतार लिया इस प्रसंग का भी उन्होंने विस्तार से वर्णन किया।
कथा स्थल पर श्री राम लला सरकार का प्राकट्य उत्सव भी मनाया गया । इसके अलावा ठाकुर श्री नन्दनंदन का प्राकट्य उत्सव भी मनाया गया । श्रीमद् भागवत कथा सुनने बलदेव बाग में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।