ग्वालियर. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है. असम में एक ही व्यक्ति को मंदिर में दर्शन करने के अधिकार के राहुल गांधी के सवाल पर सिंधिया ने कहा कि मंदिर में दर्शन करने वाले जो पर्यटक हैं, जिनको मंदिर के आयोजन में आमंत्रित किया गया था और उन्होंने इंकार किया.
सिंधिया ने कहा कि भगवान राम के मंदिर के आमंत्रण को इंकार किया. देश की जनता ऐसे लोगों को माफ नहीं करेगी. इससे पहले राम मंदिर में संपन्न हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सिंधिया ने कहा कल का दिन विश्व के लिए ऐतिहासिक था. भगवान राम को पुनः स्थापित किया गया. उन्होंने कहा, मां भारती के योग्य पुत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के रूप में संभव हो पाया.
राष्ट्र को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करना है: सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कल के कार्यक्रम के साथ देश की 140 करोड़ जनता की आस्था ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के भगवान राम के अनुयायियों की आस्था जुड़ी हुई है. जैसे प्रधानमंत्री जी ने कहा शिलान्यास 2019 में हुआ और कल लोकार्पण हुआ, लेकिन हमारा कार्य कल से शुरू होता है. राष्ट्र को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करना है और हर नागरिक को मेहनत और मशक्कत के आधार पर अपना योगदान देना है.
भारत को विश्वगुरु बनाएंगे रामलला: सिंधिया
सिंधिया ने आगे कहा, भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करने के लिए कल रामलला दोबारा विराजे हैं. 500 वर्ष के इंतजार के बाद कई पीढ़ियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है. पूर्ण रूप से इस कार्यक्रम के लिए अपना योगदान दिया है और स्वयं मेरी आजी अम्मा पूर्व राजमाता साहब ने भी इस कार्यक्रम के लिए अपनी आवाज उठाई थी, अपना योगदान दिया था.
महानुभावों को नमन
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये भी कहा कि आज उन सभी महानुभावों को भी हम याद करते हैं और इस अलौकिक और महत्त्वपूर्ण देश के इतिहास के घटनाक्रम के पूर्ण रूप से भगवान भगवान राम के श्री चरणों में नमन करके उनका आशीर्वाद ग्रहण करके राज्य और राष्ट्र के विकास और प्रगति में योगदान देने के लिए अपना संकल्प लेंगे.
असम में राहुल गांधी को प्रशासन ने रोका था
गौरतलब है कि राहुल गांधी का सोमवार नगांव ज़िले के बटाद्रवा स्थित श्री श्री शंकर देव सत्र (मठ) मंदिर जाने का कार्यक्रम था लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें करीब 17 किलोमीटर पहले ही हैबोरगांव में रोक लिया. मंदिर जाने से रोकने से नाराज़ कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने कार्यकर्ताओं के साथ हैबरगांव में ही धरने पर बैठ गए थे.