नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का आज यानी बुधवार (31 जनवरी) से आगाज हो गया, जो 9 फरवरी तक चलेगा. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी अंतरिम बजट है, जिसे कल यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिबाषण के साथ ही संसद का अंतरिम बजट सत्र शुरू हो गया. नए संसद में अपने पहले अभिभाषण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि नए संसद भवन में यह मेरा पहला संबोधन है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नए संसद भवन में पहला संबोधन देते हुए कहा कि यहां ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की महक है. दुनिया भर में गंभीर संकटों के बीच भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है और लगातार पिछली दो तिमाही में देश की विकास दर साढ़े प्रतिशत रही. इससे पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित किया था और हंगामा करने वाले सांसदों को नसीहत दी थी. तो चलिए जानते हैं राष्ट्रपति के अभिभाषण की खास बातें.
राष्ट्रपति के अभिभाषण की खास बातें
1. बजट सत्र की शुरूआत में अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अमृतकाल की शुरुआत में यह भवन बना है, यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की महक भी है… मुझे पूरा विश्वास है कि इस नए भवन में नीतियों पर सार्थक संवाद होगा. ऐसी नीतियां जो आज़ादी के अमृत काल में विकसित भारत का निर्माण करेंगी.
2. राष्ट्रपति ने कहा कि पिछला वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि वाला रहा है. ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ को सरकार ने लगातार जारी रखा है. नारी शक्ति अधिनियम पारित करने के लिए मैं सदस्यों का अभिवादन करती हूं, यह मेरी सरकार के महिला नीत विकास के संकल्प को मजबूत करता है.
3. राष्ट्रपति मुर्मु ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राम मंदिर के निर्माण की अकांक्षा सदियों से थी, आज यह सच हो चुकी है. मेरी सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है, इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है.
4. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि हम बचपन से ‘गरीबी हटाओ’ के नारे सुनते आ रहे हैं, (लेकिन) जीवन में पहली बार बड़े स्तर पर गरीबी को दूर होते देख रहे हैं, मेरी सरकार के कार्यकाल में करीब 25 करोड़ देशवासी गरीबी से बाहर निकले हैं. बीते दशक में सरकार ने सुशासन और पारदर्शिता को हर व्यवस्था का आधार बनाया है.
5. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि पहले जो बैंकिग व्यवस्था चरमरा रही थी, वह आज विश्व में सबसे मजबूत बैंकिंग प्रणालियों में से एक है; आज बैंकों का एनपीए चार प्रतिशत ही है. आज हर भारतीय स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को देखकर गौरवान्वित है.