‘राजनीति से संन्यास और झारखंड छोड़ दूंगा…’, विधानसभा में हेमंत सोरेन ने ईडी को दी चुनौती

रांची. झारखंड विधानसभा में सोमवार को चंपाई सोरेन सरकार के विश्वास मत के दौरान सीएम हेमंत सोरेन सदन को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वास मत में पूरी पार्टी और गठबंधन चंपाई सोरेन को समर्थन करता है. वहीं इस दौरान उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को देश के लोकतंत्र में काला अध्याय जुड़ गया. देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री या पूर्व मुख्यमंत्री को राजभवन से गिरफ्तार किया गया है. इस घटना में राजभवन भी शामिल रहा है. आश्चर्यचकित हूं.

हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी वर्ग से आता हूं नियम कानून का अभाव है. बौद्धिक क्षमता विपक्ष की तरह नहीं है. सही गलत की पहचान तो आदमी और जानवर भी रखता है. 2022 से 31 जनवरी 2024 के पकवान को धीमी आंच में पकाया जा रहा था. पकने को तैयार नहीं था , सुनियोजित तरीके से मुझे गिरफ्त में लिया है. अंबेडकर का सपना बराबरी की बात करता है.

पूर्व सीएम ने कहा कि कालखंड को देखेंगे तो आदिवासी पर अत्याचार हुए नए रूप नई सकल में देखने को मिलते रहे है. 31 जनवरी को यही देखने को मिला. इतनी घृणा क्यों ? ये लोग चाहते हैं कि आदिवासी जंगल में थे तो इन्हें जंगल में रहना चाहिए था. ये कहने से ये नहीं घबराते. इन समूह को आगे बढ़ने और मार्ग प्रशस्त करने में कोई कमी नहीं की है. इनका बस चले तो हम जंगल में जा कर रहे. इनके अंदर की कुंठा इनके बयान और आचरण से झलकते हैं. मुझे जेल के सलाखों में डाल कर इनके मनसूबे पूरे नहीं होंगे. ये झारखंड है आजादी से पहले से आदिवासी लड़ रहे हैं.

हेमंत सोरेन ने कहा कि आज तक उन्होंने गांधी टोपी नहीं पहना. ED-CBI संवेदनशील एजेंसी कही जाती है. करोड़ों रुपए डकारने को कुछ नहीं. साढ़े 8 एकड़ जमीन के मामले में जेल भेजा है. हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर हिम्मत है तो मेरे नाम का पेपर दिखाए, राजनीति से इस्तीफा दे दूंगा. एक-एक सवाल का जवाब दूंगा. समय आने पर सभी को माकुल जवाब दिया जायेगा.

पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि तथाकथित लोग चरणों में झुक कर पूजा करने लगे है , नहीं तो इस राज्य का ये हाल नहीं होता. 2024 से घोटाला नजर आया 2000 से नजर नहीं आया. देश का आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक के घर से ये नहीं चाहते IAS बने. आदिवासी का कार्यकाल 5 साल पूरा नहीं होने देते
बीजेपी के लोग भी पूरा नहीं कर पाए. हेमंत सोरेन ने कहा कि सर झुका कर चलना नहीं सीखा. अगर सरसो में भूत तो भूत भागे कैसे. आदिवासी सत्ता चला पाएगा. कुछ दिन में गिर जाएगा. ये कहते थे
हवाई जहाज, होटल , BMW को लेकर भी सवाल उठाते है. खनिज संपदा पर इनकी गिद्ध नजर है
ऐसा करने से झारखंड लोग घबरा जायेंगे, ये बहुत बड़ी भूल होगी. इतिहास माफ नहीं करेगा.

पूर्व सीएम ने कहा कि सदन में दस्तावेज लाइए, अगर एक भी दस्तावेज ला कर दिखा दे तो झारखंड छोड़ कर चला जाऊंगा. अब बीबी , बच्चों के खाते में पैसे की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. हेमंत सोरेन ने कहा कि बड़ा मछली छोटा मछली को खा जाता है. बड़ी व्यवस्था भी छोटी व्यवस्था को खा जाता है. ED ने कहा कि सदन में भी नहीं बोल सकते हैं. अब लोग सदन में और राष्ट्रपति भवन में अरेस्ट होंगे ये इतिहास होगा. समय से बड़ा बलवान कोई नहीं है. फिर हम मजबूती के साथ उपस्थित होंगे. आदिवासी के लिए संघर्ष करते रहेंगे.

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