रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही प्रश्नकाल तक हंगामेदार रही. धान खरीदी के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा. विपक्ष के कई सवालों पर विभाग के मंत्री ठीक से जवाब नहीं दे पाए, जिसके बाद मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मोर्चा संभालना पड़ा. पीडीएस चावल में गड़बड़ी की जांच के लिए समिति बनाई गई है.
सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सबस पहले अविभाजित मध्यप्रदेश में राज्यमंत्री और मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य शिव नेताम को श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद सदन में 2 मिनट का मौन रखा गया. फिर कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई. कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ. पहला सवाल सत्तापक्ष के बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक ने पूछा. कौशिक ने पीडीएस में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया.
कौशिक ने पूछा कि 17 मार्च 2023 में पीडीएस दुकानों में गड़बड़ी की चर्चा के दौरान मंत्री ने 24 मार्च 2023 तक मामले की जांच की बात कही थी, लेकिन इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके जवाब में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार में तय समय पर सत्यापन नहीं किया गया था, जिसके कारण जांच में देरी हुई.
कौशिक ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के बावजूद समय पर कार्रवाई नहीं हुई. इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि यह आसंदी की अवमानना है. यह गंभीर बात है. इस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. सत्ता पक्ष के विधायकों की तरफ से जांच की मांग पर विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि आसंदी के निर्देशों का पालन होना चाहिए. सिंह ने कहा कि अगर आसंदी से किसी भी मामले में जांच का निर्देश होता है तो इस पर गंभीरता से कार्रवाई होनी चाहिए.
सदन की समिति पीडीएस गड़बड़ी की करेगी जांच: धरमलाल कौशिक ने जानकारी मांगी कि, भौतिक सत्यापन का जो निर्देश दिया गया था, उसका अभी मौजूदा स्टेटस क्या है. जिसके बाद खाद्य मंत्री ने कहा कि PDS में अब तक 216.08 करोड़ रुपए की कमी पाई गई है. कौशिक ने इसका कारण और आगे की जाने वाली कार्रवाई के बारे में पूछा. इस पर बघेल ने जवाब दिया कि वन नेशन, वन राशन कार्ड लागू होने के बाद डाटा भारत सरकार के पास रहता था. जो भी गड़बड़ियां हुई है, उसमें समितियों की नियमित बैठक करके PDS स्टॉक में अनियमितता में संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं. खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने माना कि चावल वितरण में गड़बड़ी हुई है. उन्होंने घोषणा कि है कि सरकार सदन की समिति से इस मामले की जांच करायेगी.
धान खरीदी पर उमेश पटेल ने मंत्री को घेरा: पूर्व शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने प्रश्नकाल में दूसरा सवाल धान खरीदी को लेकर उठाया. उन्होंने पूछा कि 25 जनवरी तक प्रदेश के सभी जिलों में कितनी धान खरीदी हुई है. कितने पंजीकृत किसानों से धान खरीदा गया है. इस सवाल के जवाब में मंत्री दयालदास बघेल ने बताया कि 25 जनवरी 2024 तक प्रदेश में 1 करोड़ 30 लाख 41 हजार 320 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है. इस पर पटेल ने मंत्री को घेरते हुए कहा कि साल 2022-23 में पंजीकृत किसानों के बेचे गए धान का रकबा 29.06 लाख हेक्टेयर था. किसानों ने 107. 53 लाख मीट्रिक टन धान बेचा. पटेल ने आगे कहा कि 145 टन धान खरीदी साय सरकार ने की है. उन्होंने बघेल से पंजीकृत किसानों के धान का रकबा पूछा. इस पर दयालदास ठीक से जवाब नहीं दे पाए. जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने बृजमोहन अग्रवाल से मंत्री जी की मदद करने को कहा. इसके बाद दयालदास ने कहा कि पंजीकृत किसानों के बेचे गए धान का रकबा 26.83 लाख है. इस पर पटेल ने कहा कि साल 2022- 23 में 29.06 लाख हेक्टेयर की खरीदी हुई थी. यानी इस पर 3 लाख हेक्टेयर कम धान बेचा गया है.
इसी बीच मंत्री बृज मोहन अग्रवाल ने कहा कि इस समय धान खरीदी चल रही है. जिसके बाद विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष ने फर्जी किसानों से धान खरीदी का आरोप लगाया. अग्रवाल ने कहा कि अब तक धान नहीं खरीदने को लेकर एक भी शिकायत नहीं आई है. फिर भी विपक्ष जानबूझकर धान खरीदी पर हंगामा कर रहा है.
पुन्नुलाल मोहले ने समर्थन मूल्य पर मोटे धान और पतले धान की कीमत मंत्री से पूछी. साथ ही अब तक कितनी धान खरीदी की गई, इसके बारे में भी सवाल पूछा गया. इस पर बघेल के जवाब देने से पहले ही प्रश्नकाल खत्म होने की घोषणा विधानसभा अध्यक्ष ने की.