रायपुर। छत्तीसगढ़ आयुर्वेद महासंघ की सदस्य डॉ अख्तरी ख़ुर्शीद खान ने बतलाया कि केंद्र सरकार के देश के डॉक्टरों से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे मेडिकल समुदाय से जुड़े लोग भी हैरान है. इस फैसले के मुताबिक अब आयुर्वेद के डॉक्टर भी सर्जरी कर सकेंगे.
सरकार ने एक नोटिफिकेशन के जरिए आयुर्वेद के पीजी M S छात्रों को सर्जरी करने की इजाजत दी है. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक आयुर्वेद के डॉक्टर 58शल्य योग्य बीमारियों जैसेहड्डीरोग, नेत्र विज्ञान, नाक-कान-गला (ईएनटी)पेट रोग गुदा रोग नेत्र रोग, किडनी संबन्धित बिमारियाँऔर दांतों आदि अंगों से जुड़ी सर्जरी कर सकेंगे. वहीं दूसरी ओर सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन के अध्यक्ष ने कहा है कि आयुर्वेद संस्थानों में ऐसी सर्जरी पिछले 25 सालों से हो रही हैं. नोटिफिकेशन सिर्फ यह स्पष्ट करता है कि यह सर्जरी वैध हैं.
सरकार की ओर से 19 नवंबर 2020 को जारी इस नोटिफिकेशन के मुताबिक आयुर्वेद के पीजी कोर्स में अब सर्जरी को भी जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही अधिनियम का नाम बदलकर भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (स्नातकोत्तर आयुर्वेद शिक्षा) संशोधन विनियम, 2020 कर दिया गया है.
आयुर्वेद की प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों की ओर से लंबे समय से एलोपैथी की तरह अधिकार देने की मांग की जा रही थी. नए नोटिफिकेशन के मुताबित अब आयुर्वेद के छात्रों को पढ़ाई के दौरान ही सर्जिरी की भी ट्रेनिंग दी जाएगी. छात्रों को शल्य तंत्र शालक्य तंत्र (नेत्र, कान, नाक, गला, सिर और सिर-दंत चिकित्सा का रोग) जैसी डिग्री भी दी जायेगी ,इस वैधानिक आदेश उपरांत आयुर्वेद के डॉक्टरों में इसे लेकर खुशी हैं ।