शराब घोटाले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में घिरे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सातवें नोटिस को भी दरकिनार कर दिया है. केजरीवाल ने ईडी को एक बार फिर कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की सलाह देते हुए ईडी से सामने पेश होने से इनकार कर दिया है. क्योंकि अभी मामला कोर्ट में लंबित है. जिसकी सुनवाई 16 मार्च को होगी. आप ने आगे कहा कि रोज समन भेजने के बजाय कोर्ट के फैसले का इंतजार करें.
पार्टी ने कहा कि हम आईएनडीआई गठबंधन नहीं छोड़ेंगे. मोदी सरकार इस तरह दबाव ना बनाए. इससे पहले केजरीवाल छह समन पर भी ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे. मुख्यमंत्री ने हमेशा इन नोटिस को अवैध बताया है और पेश नहीं हुए हैं. उन्होंने इन समन को राजनीति से प्रेरित बताया था.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बीती 22 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने सातवां समन जारी कर सोमवार 26 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था. अब तक मुख्यमंत्री को सात समन जारी हो चुके हैं. लेकिन अभी तक वह दिल्ली शराब घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हुए हैं. इससे पहले 14 फरवरी को छठा समन जारी कर 19 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था. लेकिन केजरीवाल उस समन पर पेश नहीं हुए थे. उन्होंने कहा था कि अभी मामला कोर्ट में चल रहा है. इसलिए ईडी कोर्ट के फैसले का इंतजार करे.
बता दें कि, ईडी द्वारा सातवां समन भेजे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘आप’ ने कहा था कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में हार का बदला लेने के लिए ‘भाजपा के प्रवर्तन निदेशालय’ (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सातवां गैरकानूनी समन भेजा है. ‘आप’ की वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली कैबिनेट मंत्री आतिशी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ में लोकतंत्र को बचाया, उसका बदला लेने के लिए भाजपा ने अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर गैरकानूनी समन भेज दिया.