पूर्ववती महापौर मधुसूदन यादव द्वारा 12 जनवरी 2018 को सामान्य सभा में प्रस्ताव लाया जिसे कांग्रेस पार्षदों के विरोध पर वापस किया गया था
राजनांदगांव। नगर निगम शहर की जनता को ठेकेदारी प्रथा के माध्यम से डोर टू डोर सम्पत्तिकर, समेकितकर, जलकर, गुजरचार्ज व करों को बढ़ाकर बोझ देने जा रही है जिसको लेकर वरिष्ठ पार्षद व शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने निगम आयुक्त पर कड़ी नाराजगी जताते हुए प्राइवेट टैक्स वसूली को रोकने की मांग की है।
ज्ञात हो नगर निगम प्रशासन द्वारा कार्यादेश जारी कर शहरी क्षेत्र में टैक्स वसूली को निजी हाथों के माध्यम से डोर टू डोर सम्पत्तिकर, समेकितकर, जलकर, गुजरचार्ज वसूली के लिए लागू कर शहर की जनता के विश्वास पर खिलवाड़ की है और सामान्य सभा में लाए बगैर ही ठेकेदारी प्रथा के माध्यम से टैक्स वसूली का जिम्मा दे दिया गया है। जिसको लेकर वरिष्ठ कांग्रेसी पार्षद कुलबीर सिंह छाबड़ा द्वारा दिए आवेदन के समय के अनुसार 29 फरवरी को आयुक्त कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करने पहंुचे थे।
इस संबंध में पार्षद कुलबीर सिह छाबड़ा ने कहा कि शहर की जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के हक को मारा जा रहा है। निगम आयुक्त सामान्य सभा में लाए बगैर ही टैक्स वसूली प्राइवेट हाथो में देकर लागू किया गया है इस तरह कार्यप्रणाली अपनाई है जो सरासर गलत है। श्री छाबड़ा ने कहा कि पूर्ववर्ती महापौर मधुसूदन यादव द्वारा 12 जनवरी 2018 को सामान्य सभा में लाया गया था जिसे कांग्रेस पार्षद दलों के विरोध के चलते इस विषय को वापस किया गया था।
वरिष्ठ पार्षद छाबड़ा ने कहा कि पिछले दो माह से शहर में प्राइवेट ठेकेदार के कर्मचारी शहर की जनता के घरों में घुस कर गलत तरीके से नापजोख कर रहे हैं वहीं ठेकेदार के कर्मचारी व शहरवासियों के बीच बहस बाजी के साथ-साथ दो-दो बातें हो रही हैं।
इस तरह से सर्वे करना और नाप जोख करना रेकी करने के समान है। आज की स्थिति में शहर में चोरियां भी बढ़ गई है। ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा टैक्स की बढ़ौतरी होना बताया जा रहा तो क्या इससे पहले निगम कर्मचारियों द्वारा टैक्स लेते है वह कम बताया जा रहा था इससे लगता है कि आयुक्त व प्रावइेट ठेकेदार शहर की जनता को लूटने का भरसक प्रयास कर रही है।
श्री छाबड़ा ने आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि निगम कर्मचारियों को हिदायत दे रखी है कि इस विषय पर कोई भी जानकारी न दी जाए। इस संबंध में मेरे द्वारा आयुक्त महोदय जी से पूछने पर बताया गया कि इस कार्य के लिए ठेकेदार द्वारा अब तक 35 लाख रूपए खर्च हो चुका है इसलिए इसको चलने दीजिए इससे पता चलता है कि आयुक्त ठेकेदारी के साथ सांठगांठ है उनके प्रति काफी मोहमाया है। उसे शहर की जनता से कोई मतलब नहीं है। ऐसा पता चला है कि प्राइवेट ठेकेदार अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को तीन माह से वेतन भी नहीं दिया है।
टैक्स वसूली प्राइवेट करके निगम कर्मचारियों की नियुक्तियों पर विराम के साथ-साथ निगम कर्मचारियों के हक को मारा जा रहा है इसी तरह कहा जाए तो निगम आयुक्त भाजपा नेताओं के इशारे पर काम कर रही है। श्री छाबड़ा ने आयुक्त की निंदा करते हुए कहा कि आप नियम से नियम कार्य करते हुए शहर की जनता के हितों की बात करीए। आयुक्त द्वारा आगामी 04 मार्च तक इसकी संपूर्ण जानकारी देने की बात की है। इस दौरान प्रमुख रूप से पार्षद मनीष साहू, महेश साहू, शहर कांग्रेस महामंत्री हनी ग्रेवाल उपस्थित रहे।