संसद का बजट सत्र (Budget Session of Parliament) 31 जनवरी से शुरू हो रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई ने जानकारी दी है कि बजट सत्र 11 फरवरी तक चलेगा, जबकि सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा। इस बार केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। आपरको बता दें कि इससे पहले संसद का शीत कालीन सत्र का हंगामेदार रहा था और सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने थे, इस कारण से संसद का शीत कालीन सत्र काफी प्रभावित हुआ था।
शीत कालीन सत्र में सरकार ने वापस लिए थे तीन कृषि कानून
इसके अलावा बीते शीत कालीन सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों का वापस ले लिया था, जिस पर लंबे समय से सियासत चल रही थी। लेकिन इसके बावजूद संसद का बजट सत्र भी इस बार हंगामेदार हो सकता है। हालांकि जानकारों का कहना है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सरकार इस बार लोकलुभावन बजट पेश कर सकती है।
महंगाई से मुद्दे पर राहत दे सकती है सरकार
देश में मुद्रास्फिति दर अन्य पड़ोसी देशों की तुलना में अधिक है, इस कारण भी विपक्षी दल केंद्र सरकार पर बजट सत्र से दौरान निशाना साध सकते हैं। विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार बजट में आम आदमी को राहत देने वाला बजट पेश करते सकती है। इसके अलावा किसानों को राहत देने के लिए भी कई घोषणाएं की जा सकती है।