भारत ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर अमेरिका की टिप्पणी का जवाब दिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, CAA भारत का आंतरिक मामला है. अमेरिका की टिप्पणी अवांछित और गैरजरूरी है। इसके अलावा उसके पास नागरिकता संशोधन कानून को लेकर गलत जानकारी है।
मैथ्यू मिलर ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में कहा है कि इस अधिनियम को कैसे लागू किया जाएगा इस पर अमेरिका की नजर है. उन्होंने कहा है कि धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन का बयान ऐसे समय में भी आया है जब हिंदू अमेरिकी समूहों ने भारत में सीएए के लागू होने का स्वागत किया है.
अमेरिका के बयान पर जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 भारत का आंतरिक मामला है और इसके कार्यान्वयन पर संयुक्त राज्य अमेरिका का बयान गलत, गलत जानकारी वाला और अनुचित है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, “यह अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों से संबंधित प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में आ चुके हैं. CAA से नागरिकता मिलेगी, इससे किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, CAA मानवीय गरिमा प्रदान करता है और मानवाधिकारों का समर्थन करता है.
आपको बता दें, कि भारत सरकार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू किया, जिससे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग खुल गया है.