प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की टीम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची तो उनकी गिरफ्तारी पर रोक की मांग लेकर अभिषेक मनु सिंघवी की टीम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आपको बता दें कि ईडी की टीम केजरीवाल को 10वां समन देने पहुंचे थे. जांच एजेंसी केजरीवाल के घर की तलाशी ले रही है और मुख्यमंत्री से दिल्ली शराब घोटले के संबंध में सवाल-जवाब कर रही है.
अरविंद केजरीवाल के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में ई-फाइलिंग के जरिए याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका में जल्द सुनवाई की मांग की गई है. बताया जा रहा है कि केजरीवाल की लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से सम्पर्क कर रही. मामले की जानकारी चीफ जस्टिस को देने की मांग की है. आपको बता दें कि ईडी के करीब 6 से 8 अधिकारी मौजूद है जो घर में तलाशी और मुख्यमंत्री से पूछताछ कर रहे हैं. वहीं दिल्ली पुलिस के डीसीपी नार्थ भी अपनी फोर्स के साथ सीएम हाउस के घर के बाहर मौजूद हैं. पुलिस ने सीएम हाउस के घर जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम गुरुवार शाम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची. हाईकोर्ट ने केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दंडात्मक कार्रवाई से राहत प्रदान करने से इनकार के ठीक बाद ईडी की टीम उनके आवास पर पहुंची. अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी के अधिकारी मामले में समन देने के लिए केजरीवाल के आवास पर गए. उन्होंने बताया कि ईडी टीम ने मुख्यमंत्री आवास के कर्मचारियों को यह भी बताया कि उसके पास तलाशी वारंट है. आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख केजरीवाल को ईडी ने कई बार समन भेजा था लेकिन वह पेश नहीं हुए.
इससे पहले, दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने मामले में केजरीवाल को दंडात्मक कार्रवाई से कोई संरक्षण देने से इनकार कर दिया. पीठ ने संरक्षण के अनुरोध संबंधी केजरीवाल की अर्जी को 22 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। समन को चुनौती देने वाली उनकी मुख्य याचिका पर भी उसी दिन (22 अप्रैल को) सुनवाई होगी. यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है. बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया था.
इस मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में केजरीवाल के नाम का कई बार उल्लेख किया गया है. एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आरोपी आबकारी नीति तैयार करने के लिए केजरीवाल के संपर्क में थे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अनुचित लाभ हुआ.