रायपुर। राज्य गठन के बाद जून 2003 में हुए प्रदेश के पहले बहुचर्चित राजनैतिक रामवतार जग्गी हत्याकांड के पांच दोषियों को सुप्रीम कोर्ट से सरेंडर पर राहत मिली है। इनमें याहया ढेबर, आरसी त्रिवेदी, एएस गिल, वी के पांडे और सूर्यकांत तिवारी है। इन्हें तीन सप्ताह बाद सरेंडर करना होगा। वहीं शेष आरोपियों के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। शेष आरोपी में से शूटर चिमन सिंह, विनोद राठौर ने अब से कुछ देर बाद न्यायाधीश पंकज सिन्हा की कोर्ट में सरेंडर किया है। इनमें अभय गोयल समेत सभी 25 दोषियों के लिए कोर्ट वारंट जारी करेगा। हत्या के 21 साल बाद हाईकोर्ट बिलासपुर ने निचली कोर्ट के आदेश को यथावत रखते हुए सभी दोषियों को आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखा था।इनमें से एक विक्रम शर्मा बुलटू पाठक की मृत्यु हो गई है। शेष सभी आज रायपुर जिला कोर्ट में सरेंडर कर सकते है।
गौरतलब है कि याहया ढेबर सहित 5 आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में सरेंडर डेट को बढ़ाने की मांग की थी जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने इनकी अर्जी को स्वीकार कर लिया और सरेंडर करने के लिए 3 हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया है। बाकी सभी आरोपियों के आवेदन सुप्रीम कोर्ट में लगने की चर्चा है। संभवतः जब 5 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने सरेंडर डेट आगे बढ़ाया है तो बाकी आरोपियों के सरेंडर डेट के बढ़ने की पूरी संभावना है। दो आरोपियों ने कोर्ट में सरेंडर किया है और जिसने सरेंडर डेट बढ़ाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में नहीं लगाई है या फिर सुप्रीम कोर्ट में पेशी की डेट नहीं मिली है वो जल्द ही कोर्ट में सरेंडर कर सकते है।