दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया को राऊज एवेन्यू कोर्ट से झटका लगा है. उनकी जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी. सिसोदिया की ED और CBI दोनों मामलों मे जमानत की मांग वाली याचिका पर कोर्ट ने फैसला दिया. दूसरी बार उनकी जमानत याचिका को खारिज किया गया है.
इससे पहले निचली अदालत, SC ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले को चुनौती देते हुए मनीष सिसोदिया अब हाईकोर्ट का रुख करेंगे.
बता दें कि इससे पहले भी सिसोदिया को निचली अदालत, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जमानत देने से इनकार कर चुकी है. जमानत का विरोध करते हुए जांच एजेंसी ने कहा था कि सिसोदिया घोटाले के ‘किंगपिन’ हैं इसलिए इनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए. जांच एजेंसी ने दावा किया कि अगर उन्हें जमानत दी गई तो वो सबूतों से छेडछाड कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
अब निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ सिसोदिया दिल्ली हाई कोर्ट जाएंगे. दिल्ली आबकारी नीति मामले में 26 फरवरी 2023 को सिसोदिया को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद इसी मामले में ईडी ने उन्हें 9 मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया था. तब से सिसोदिया न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.
इससे पहले कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 8 मई तक के लिए बढ़ा दी थी. वहीं, सिसोदिया ने लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के लिए प्रचार करने के लिए लगाई गई अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली थी.
क्या है मामला?
22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था. 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई. नई शराब नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और पूरी शराब की दुकानें निजी हाथों में चली गईं. नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी. हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में थी. जब विवाद ज्यादा बढ़ा तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने अपनी शराब नीति को रद्द कर फिर से पुरानी पॉलिसी को लागू कर दिया.