महासमुंद। रायपुर मार्ग स्थित एक बैंक में कल सिक्का नहीं लिये जाने पर एक समिति सदस्यों और बैंक कर्मियों के बीच बहस हो गई। हालांकि पूरे 3 घंटे की बहस के बाद आखिरकार बैंक ने सिक्के जमा किये। मालूम हो कि शहर की अनेक बैंकों में सिक्के लेने से मना करने की वजह से ही फुटकर व्यापारी भी सिक्के नहीं लेते। फलस्वरूप बाजार से या तो सिक्कों का चलन ही गायब हो जाता है या फि र बड़ी संख्या में सिक्कें व्यापारियों की दुकानों में डंप रहते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार बिरकोनी चंडी मंदिर समिति के संरक्षण ओमप्रकाश चन्द्राकर, कार्यकारिणी सदस्य अखिलेश चन्द्राकर तथा सदस्य यश चन्द्राकर मंगलवार को मंदिर में दानदाताओं द्वारा मिली रकम रायपुर मार्ग स्थित एचडीएफसी बैंक में जमा कराने पहुंचे। रकम में 22 हजार 650 रुपए के सिक्के थे। समिति सदस्यों ने बैंक के कर्मियों से काफी देर तक आग्रह किया कि यह तो मंदिर के चढ़ावे की रकम है और मंदिर की दान पेटी में सिक्कों का दान होता ही है। लेकिन बैंक कर्मियों ने सीधे ही सिक्केलेने मना कर दिया।
इस पर आक्रोशित समिति सदस्यों ने इसकी एक शिकायत तत्काल उच्चाधिकारियों से की। साथ ही मीडिया कर्मियों को भी बैंक बुलाया। मीडिया जनों द्वारा सिक्का क्यों नहीं लिया जा रहा है जैसे सवालों के बाद तत्काल सदस्यों की रकम जमा कर ली गई। इस बीच सदस्यों तथा बैंक कर्मियों के बीच बहस होती रही। हिमांशु भोई, शाखा प्रबंधक एचडीएफसी बैंक महासमुंद का कहना है कि घटना के दौरान मैं बैंक में उपस्थित नहीं था। बाद पहुंचने पर रायपुर से अनुमति लेने के बाद हमने सिक्के तथा और भी रकम जमा कर ली है।