दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलेगी या नहीं, इस पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है. ED ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि चुनाव में प्रचार करने का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है और न ही संवैधानिक.
आप की लीगल टीम ने ED की इस दलील का कड़ी आपत्ति जताई है. वहीं वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि ED ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा और कहा कि अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि प्रचार करने का अधिकार कानूनी अधिकार है, संवैधानिक हक नहीं है. यह बात सही भी है.
उन्होंने कहा, ”कानून में यह भी प्रावधान है कि अगर किसी को सजा दी गई है और अदालत कहती है कि वे सजा पर रोक लगा रहे हैं, तो वह चुनाव प्रचार में भाग ले सकता है. चुनाव भी लड़ सकता है.”
वित्त वर्ष 2021-22 में दिल्ली सरकार की ओर से बनाई गई आबकारी नीति को लेकर ED और CBI का दावा है कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ. आरोप है कि विवादित नीति में शराब कारोबारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया और बदले में रिश्वत ली गई. ईडी का कहना है कि रिश्वत की रकम का सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी पार्टी को मिला. गोवा विधानसभा चुनाव में रिश्वत से मिली रकम का इस्तेमाल किया गया. यही वजह है कि ईडी आम आदमी पार्टी को भी आरोपी बनाने जा रही है.
क्यों है यह सबसे बड़ा झटका
आरोपी बनाए जाने से आम आदमी पार्टी के लिए बेहद मुश्किल दौर की शुरुआत हो सकती है. पार्टी की संपत्ति, अकाउंट ,बैंक से लेकर मान्यता तक पर संकट पैदा हो सकता है. ED के प्रावधानों को देखते हुए कुछ जानकारों का कहना है कि पार्टी के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी मुसीबत है.
केजरीवाल के खिलाफ भी चार्जशीट
सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुनवाई होनी है तो दूसरी तरफ ईडी ट्रायल कोर्ट में चार्जशीट दायर करने जा रही है. सूत्रों का कहना है कि ED केजरीवाल को मुख्य साजिशकर्ता और सरगना बताते हुए चार्जशीट दायर करेगी. इसमें BRS नेता के. कविता का नाम भी शामिल हो सकता है.