नई दिल्ली: धार्मिक दृष्टिकोण से चांदी बेहद पवित्र और सात्विक धातु है. मान्यता है कि इसकी उत्पत्ति भगवान शिव के नेत्रों से हुई है. इसके अलावा चांदी का ज्योतिष में भी खास महत्व है. क्योंकि इसका संबंध धन के कारक शुक्र और मन के कारक चंद्रमा से संबंध है. चांदी शरीर के जल तत्व को नियंत्रित करता है. साथ ही कफ, पित्त और वात की समस्या को भी दूर करता है. इसलिए आम जीवन में भी चांदी का विशेष महत्व है. ऐसे में जानते हैं कि चांदी किस प्रकार किस्मत को चमका सकती है.
धन लाभ के लिए होता है खास
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चांदी मन को मजबूत बनाने के साथ-साथ दिमाग को भी तेज करता है. चंद्रमा के अशुभ प्रभाव के दूर करने के लिए भी चांदी लाभकारी होता है. इसके अलावा चांदी शुक्र को भी बलवान बनाता है.
धन प्राप्ति के लिए चांदी का प्रयोग
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शुद्ध चांदी का छल्ला सबसे छोटी उंगली में धारण करना उत्तम है. इसके प्रभाव से अशुभ चंद्रमा शुभ प्रभाव देना शुरू कर देता है. साथ ही मन का संतुलन अच्छा होने लगता है और धन की प्राप्ति भी होती है.
शरीर को रखता है निरोग
शुद्ध चांदी का कड़ा अभिमंत्रित करके पहनने से कफ, पित्त और वात नियंत्रित रहता है. जिससे शरीर निरोग रहता है और जल्द बीमान नहीं पड़ते हैं.
पापी ग्रहों का प्रभाव होता है कम
शुद्ध चांदी की चेन को गंगाजल से शुद्ध करके गले में धारण करने से वाणी में प्रखरता आती है. साथ ही हार्मोंस भी संतुलित रहते हैं. इसके अलावा मन भी एकाग्र रहता है.
चांदी के इस्तेमाल में रहें सावधान
चंदी जितना शुद्ध होगा उसका असर भी उतना ही अच्छा होगा. जिन्हें भावनात्मक समस्या होती है उन्हें चांदी पहनने से परहेज करना चाहिए. वृश्चिक, मीन और कर्क राशि वालों के लिए चांदी धारण करना शुभ होता है. जबकि सिंह, धनु और मेष राशियों के लिए चांदी अनुकूल साबित नहीं होता है.