महंत राजा दिग्विजय दास की पुण्यतिथि मनाई गई

राजनांदगांव। महंत दिग्विजय दास वैष्णव की पुण्यतिथि पर आज संस्थाओं व समाज के लोगों के द्वारा उनका स्मरण कर नमन किया गया। वे 15 अगस्त और 26 जनवरी के उत्सव में स्थानीय शालाओं के विद्यार्थियों में मिठाई बंटवाते थे । वे कॉलेज के प्रबंधन समिति के प्रथम अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे । उन्होंने दिग्विजय कॉलेज को अपनी पुस्तकालय का कुछ अंशदान भी किया था । उन्होंने ऑल इंडिया हॉकी टूर्नामेंट के लिए आर्थिक सहायता की थी ।

यहां हाकी टूर्नामेंट में सन 1941 में रियासत के राजा साहब स्वाभिमान सर्वेश्वर दास की पुण्यतिथि में आरंभ किया गया । सन 1950 तक समिति के प्रधान संरक्षक राजा दिग्विजय दास वैष्णव रहे । वह शिकार के शौकीन थे । साथ ही पुस्तक प्रेमी गंभीर विचारक दानी भी थे । 1953 को राजा जी का विवाह बारिया की राजकुमारी संयुक्ता देवी से विवाह हुआ । दिग्विजय दास वैष्णव की 25 वर्ष में ही 22 जनवरी 1958 को मृत्यु हो गई । मंडलेश्वर महासभा उपाध्यक्ष एवं असंगठित कामगार मजदूर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष योगेंद्र दास वैष्णव ने बताया कि राजा मंहत दिग्विजय दास वैष्णव का जन्म सन 1933 को हुआ था । उनकी प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता में हुई थी । उसके बाद राजकुमार कॉलेज रायपुर तथा दार्जिलिंग कॉलेज शिक्षा प्राप्त किया । फिर कृषि प्रशिक्षण के लिए इंग्लैंड गए अध्ययन समाप्त करने के बाद राजनांदगांव लौटे। महंत सर्वेश्वर दास वैष्णव की मृत्यु के पश्चात राजा दिग्विजय दास वैष्णव को उत्तराधिकारी घोषित किया गया । नाबालिग होने के कारण ज्योति देवी को संरक्षिका घोषित किया गया। राजा वैष्णव के बालिग होने पर राजा की उपाधि प्राप्त करने के लिए लालबाग में भव्य समारोह का आयोजन किया गया ।

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