जिन पटना वाले ‘खान सर’ पर हुई FIR, उनका असली नाम क्‍या है?

पटना : रेलवे में भर्ती को लेकर छात्रों का शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. यूपी से लेकर बिहार तक छात्रों के प्रदर्शन की खबरें सामने आ रही हैं. बिहार में तो छात्रों ने ट्रेन की बोगियों में आग तक लगा दी. अब इस मामले में पटना के कुछ कोचिंग सेंटर संचालकों का नाम भी सामने आ रहा है. इनमें जो सबसे चर्चित नाम है, वह है खान सर का. आखिर कौन हैं खान सर और छात्रों के बीच क्यों हैं इतने मशहूर, आइए जानते हैं.

ठेठ देसी अंदाज में देते हैं कोचिंग

बता दें कि रेलवे की आरआरबी-एनटीपीसी (RRB NTPC) परीक्षाओं में विसंगतियों को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बिहार में तो आगजनी और पत्थर फेंके जाने तक की घटनाएं भी हो रही हैं. जब 24 जनवरी को पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल पर छात्रों ने जोरदार हंगामा किया था, तो पुलिस ने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया था. इनके दिए बयान के आधार पर जीएस रिसर्च सेंटर कोचिंग के संचालक और यूट्यबर खान सर का नाम भी सामने आया था.  देशभर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खान सर की काफी फैन फॉलोइंग है. खान सर का पूरा नाम फैजल खान है और वह मूलरूप से यूपी के गोरखपुर के रहने वाले हैं. कोचिंग सेंटर चलाने के साथ ही वह यूट्यूब पर फ्री क्लास भी देते हैं. उनके पढ़ाने का जो अंदाज है, वह अन्य टीचरों से बिल्कुल जुदा है. ठेठ देशी अंदाज में कक्षा देने के चलते वह छात्रों के बीच खासे फेमस हैं.

पिता व भाई दोनों फौजी

खान सर उर्फ फैजल खान बचपन से पढ़ाई में अच्छे थे. उनकी सामान्य ज्ञान में अच्छी पकड़ थी. खान सर के पिता भारतीय सेना में अफसर रहे हैं और बड़ा भाई भी सेना में कमांडो है, तो उन्होंने भी फौज में भर्ती होने की ठान ली. 12वीं पास करने के बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) की परीक्षा दी, लेकिन सेलेक्शन नहीं हो पाया. इसके बाद खान सर ने कोचिंग देनी शुरू कर दी. इसके बाद जब उन्होंने यूट्यूब पर जरनल स्टडी की क्लास देनी शुरू की, तो यूपी व बिहार के साथ ही अन्य राज्यों के छात्रों के बीच काफी फेमस हो गए.  खान सर ने जनरल नॉलेज और साइंस आदि की किताबें भी लिखी हैं.

राजनीति से भी रहा रिश्ता

खान सर का राजनीति से भी रिश्ता रहा है. बिहार पंचायत चुनाव में गणित के शिक्षक विपिन सर चुनावी मैदान में थे. तब खान सर उनके लिए वोट मांगते देखे गए थे. कहा जाता है कि उनकी लोकप्रियता की वजह से ही विपिन सर की जीत हुई थी. ये भी कहा जाता है कि उसके बाद से खान सर भी राजनीतिक मंसूबा रखते हैं.

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