रायपुर। जगदलपुर में दोहरे हत्याकांड के हवाले से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री से पूछना चाह रहे हैं क्या यह सुशासन है, या जंगल राज है. कहीं अपराधियों को संरक्षण देने का काम सरकार तो नहीं कर रही है. आने वाले समय में कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा घेराव की तैयारी कर ली है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष दीपक बैज ने मीडिया से चर्चा में जगदलपुर की घटना पर सरकार को घेरते हुए कहा कि जब से बीजेपी की सरकार बनी है, तब से छत्तीसगढ़ में ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही है. सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है. 5 दिन के अंदर में जगदलपुर में तीन बड़ी घटनाएं हुई हैं. मेन रोड से लगे घर में आरोपी घुसते हैं, और रहने वाले तीनों को बांधते हैं, और हथियार से मार देते हैं. दो लोगों की स्पॉट डेट हो जाती है, और एक अस्पताल में भर्ती है. जगदलपुर की घटना निंदनीय है, इसके लिए पूरी तरीके से सरकार जिम्मेदार है.
सरकार हर मोर्चे पर फेल
वहीं बीजेपी कार्यसमिति बैठक में मुख्यमंत्री साय के उद्बोधन पर दीपक बैज ने कहा कि चुनाव को देखते हुए बीजेपी जनता के हर वर्ग लाने के लिए लालच देने का काम कर रही है. गैस सिलेंडर ही क्यों बिजली बिल इतना बढ़ा हुआ है, उसको कम करेगी या नहीं. 3 लाख रोजगार देने की बातें भी कही गई थी. सरकार पिछले 7 महीने में हर मोर्चे पर फेल रही है.
रोका-छेका बंद करने पर उठाए सवाल
वहीं रोका छेका योजना को बंद करने पर प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कांग्रेस ने रोका छेका योजना शुरू की थी. सरकार में इन सब योजनाओं को बंद कर दिया है. जिसके बाद ऐसी बाद घटनाएं बढ़ गई हैं, इसकी जिम्मेदार भारतीय जानता पार्टी है.
छत्तीसगढ़ को कर्ज में डुबोया
16वीं वित्त आयोग की बैठक को लेकर दीपक बैज ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि एक तो वित्त मंत्री से विभाग संभल नहीं रहा है. सोलह हजार करोड़ से ज्यादा कर्ज में छत्तीसगढ़ को डूबा दिया है. फिर युवाओं को बोला जाता है. नौकरी नहीं है. ये वित्त मंत्री 2047 का प्लान कर रहे हैं, तब तक ख़ुद रहेंगे की नहीं रहेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है. मतलब ऐसा वित्त मंत्री छत्तीसगढ़ को मिलेगा, तो यह भगवान भरोसे ही है.
बस्तर के लिए हो अलग बजट
वहीं वित्त आयोग के जगदलपुर दौरे को लेकर दीपक बैज ने कहा कि जाना चाहिए और बस्तर के हालात को देखना चाहिए,
किस तरह बस्तर को बीजेपी ने दस साल पीछे धकेल दिया है. बस्तर के लिए अलग प्लानिंग हो, वहां के लिए अलग बजट हो.
अगर खानापूर्ति करने जा रहे हैं, तो कुछ नहीं कहूंगा.