खरियार रोड। जोंक थाने में दर्ज अपहरण के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। पिता से पैसे ऐंठने बेटे ने ही खुद के अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी। बेटे ने परिवारवालों को वीडियो भेजा था, जिसमें वह बंधक बना हुआ था। उसने खुद को जान का खतरा बताया था। उसने परिवार वालों से फिरौती भी मांगी थी।
शुक्रवार को नुआपड़ा एसपी कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में एसपी जीआर राघवेंद्र ने इस पूरे प्रकरण का खुलासा किया। इस दौरान अतिरिक्त एसपी इंद्रमणि बेहेरा और थाना प्रभारी गुरुदेव कर्मी भी मौजूद रहे।
प्राप्त जानकारी अनुसार, जोंक थानाक्षेत्र के बोईरभाड़ी गांव निवासी जयराम नाएक ने बीते छह जुलाई को थाने में अपने बड़े बेटे बैकुंठ नाएक के लापता हो की सूचना दी थी। 8 जुलाई को एक वीडियो सामने आया, जिसमें चार से पांच लोग बैकुंठ को मारते पीटते नजर आ रहे थे। धारदार हथियार दिखाकर मारने की धमकी दे रहे थे, जिसके बाद जयराम की लिखित शिकायत पर पुलिस भारतीय न्याय संहिता की धारा 140(3) और 140(4) के तहत मामला दर्ज कर जांच में जुट गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए नुआपड़ा एसपी जीआर राघवेंद्र, थाना प्रभारी गुरुदेव कर्मी और एसआई अरविंद मेहेर के नेतृत्व में पुलिस टीम बनाई। गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे पुलिस बैकुंठ को रायपुर रेलवे स्टेशन से सकुशल बरामद कर थाने लेकर आई। पूछताछ करने पर उसने पिता से पैसे ऐंठने खुद के अपहरण की जूठी कहानी गढ़ना स्वीकार किया है।
शादी करने के बाद पिता ने घर से निकाला
बताया गया है कि बैकुंठ बंजारा समुदाय से आता है। कुछ वर्ष पहले उसने अपने से अलग समुदाय की कुमारी नाएक नामक युवती से विवाह किया था, जिसके चलते उसे घर, पिता की संपत्ति और समाज से बहिष्कृत कर दिया था। बैकुंठ बेरोजगार था और उसके ऊपर कर्ज भी चढ़ गया था। वह करीब 20 हजार रुपए ऑनलाइन जुआ में हार गया था। परिवार चलाने में उसे दिक्कतें हो रही थी।
परिवार ने चुकाया था पुराना कर्जा
बीते 2 जुलाई को करीब साढ़े नौ हजार रुपए उसने ऑनलाइन जुआ में उड़ा दिए, जिसके बाद उसका बैंक खाता पूरा खाली हो गया था। इससे पहले उसका छोटा भाई पवित्र नाएक भी कई ऑनलाइन एप से लोन लेकर ऑनलाइन जुआ में पैसे उड़ा चुका था। परिवार ने बड़ी मुश्किल से उसका 2 से 3 लाख का कर्ज चुकाया था। अपने पिता से पैसे ऐंठने बैकुंठ ने योजना बनाई। किसी को बिना बताए वह 2 जुलाई को खरियार रोड आ गया।
मदुरईन में मिले युवकों के साथ रची साजिश
खरियार रोड से वह रायपुर, नागपुर होते हुए मदुरईन (तमिलनाडु) चले गया। मदुरई पहुंच वह बस से नाग्रे चले गया। वहां उसने बोईरभाड़ी गांव के ही दुर्गेश बाग से मुलाकात की और अपनी स्थिति बताई। दुर्गेश ने उसकी मुलाकात जिले के धरमबांधा निवासी युवक माया, भेरा निवासी कमल, गोविंद, मांगुरपानी के मयंक आदि से कराई। सभी वहां पारले जी फैक्ट्री में मजदूरी का काम करते हैं। सबके साथ मिलकर बैकुंठ ने फिर अपहरण की योजना बनाई।
परिवारवालों को भेजा मारपीट का फर्जी वीडियो
5 जुलाई को उसने अपने परिवारवालों को फोन कर कहा कि भाई से लिए गए ऑनलाइन लोन को वसूल करने के लिए अज्ञात लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है। पैसे चुकाने पर उसे छोड़ दिया जाएगा, लेकिन जब परिवारवालों ने पैसे नहीं भेजे तो उसने खुद के साथ मारपीट का फेक विडियो बनवाकर भेजा। वीडियो सामने आने के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई।
पुलिस को मदुरई की मिली लोकेशन
बैंक और कॉल डिटेल्स के आधार पर उसका लोकेशन ट्रेस किया। लोकेशन मदुरई के आसपास की आई। बैकुंठ का पता लगाने वहां की स्थानीय पुलिस और तमिलनाडु क्राइमब्रांच की मदद ली गई। बैकुंठ को यह भनक लग गई कि मुदुरई पुलिस उसकी खोजबीन कर रही है, जिसके बाद वह वहां से निकल गया और ट्रेन से नागपुर आ गया।
पुलिस ने नागपुर से युवक को पकड़ा
बुधवार रात नागपुर पहुंच रेलवे स्टेशन में उसने आराम किया। अगले दिन सुबह अपनी लोकेशन छुपाने के लिए अपना फोन जबलपुर जा रही एक बस में फेंक दिया। उसके बाद दूसरे के फोन से उसने अपने घरवालों को फोन किया और नागपुर में होने की जानकारी दी। एक चायवाले के फोन-पे पर पांच सौ रुपये मंगवाए। पांच सौ रुपये लेकर वह नागपुर से रायपुर आया। रायपुर पहुंचने पर पुलिस उसके तक पहुंच गई और उसे थाने लेकर आ गई।