राजनांदगांव। प्रकरण का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि माह अगस्त 2019 में चौंकी चिखली थाना कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत पंकज साहू उम्र 23 वर्ष द्वारा नाबालिक को बहला-फुसलाकर उसके घर से भगाकर अपने साथ अन्यत्र ले गया और उसे डरा-धमकाकर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। नाबालिक की माता की रिपोर्ट पर चौकी चिखली थाना सिटी कोतवाली राजनांदगांव द्वारा गुम इंसान कायम कर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया। जांच के दौरान आरोपी पंकज साहू को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया तथा संपूर्ण विवेचना उपरान्त आरोपी के विरुद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 363, 366, 376, 506 एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पाक्सो एक्ट). 2012 की धारा 3 4 के तहत चालान विचारण हेतु विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
न्यायालय माननीय अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट (पॉक्सो) राजनांदगाँव पीठासीन न्यायाधीश श्री शैलेष शर्मा द्वारा विचारण उपरान्त मामले में 27 जनवरी 2022 को फैसला कर आरोप साबित पाये जाने पर अभियुक्त पंकज साहू को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363 के आरोप में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये का अर्थदंड, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 366 के आरोप में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदंड एवं धारा 376 (2) भा.द.वि. आरोप में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000/- रूपये का अर्थदंड से दण्डित किये जाने का दण्डादेश पारित किया गया है। प्रत्येक अर्थदंड की राशि अदायगी न किये जाने पर अभियुक्त को क्रमशः छः छः छः माह का अतिरिक्त सश्रम कारवास की सजा अतिरिक्त भुगतनी होगी। मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) परवेज़ अख्तर ने पैरवी की।