धान खरीदी के शेष दिनों में पात्र किसानों का ही खरीदे धान- कलेक्टर

राजनांदगांव। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में धान खरीदी के शेष दिनों में सतर्कता के साथ पात्र किसानों के धान खरीदी, धान का उठाव और धान खरीदी केन्द्र में सतत निगरानी रखने के संबंध में अधिकारियों और समिति प्रबंधकों की बैठक ली। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि जिले में लगभग 99 प्रतिशत किसानों ने धान का विक्रय कर लिया है। शेष दिनों में बचे हुए पात्र किसानों के धान की खरीदी करना है। धान खरीदी के अंतिम दिनों में कोचिया बिचौलिया अधिक सक्रिय होते हैं। उन पर विशेष निगरानी रखी जाए। पूरी सावधानी के साथ अंतिम दिनों में धान खरीदी का कार्य करना है। जिले के सीमावर्ती धान खरीदी केन्द्रों में अन्य राज्य का धान नहीं आना चाहिए। चेकपोस्ट पर कड़ी निगरानी रखें। धान खरीदी के पहले उसका सत्यापन जरूर करें। जिन धान खरीदी केन्द्रों में अधिक टोकन कटा है और अधिक धान आ रहा हैं, उन धान उपार्जन केन्द्रों की प्राथमिकता से जांच करें। पिछले वर्ष 76 लाख क्ंविटल धान की खरीदी की गई थी। इस वर्ष अब तक लगभग 80 लाख क्ंविटल धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के बचे हुए शेष दिनों में सभी पात्र किसानों का ही धान खरीदा जाए। अवैध धान की शिकायत मिलने और जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित के ऊपर एफआईआर की कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि धान खरीदी पूरा होने के बाद उसकी एंट्री कर रिपोर्ट तैयार करें। सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और राजस्व अधिकारी धान खरीदी केन्द्रों का सतत मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि अवैध धान की शिकायत मिलने पर छापामार की कार्रवाई करें।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा की धान खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव लगातार जारी है। लगभग 47 प्रतिशत धान का उठाव हो चुका है। धान खरीदी केन्द्रों में अभियान चलाकर धान का उठाव जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। मिलर और ट्रांसपोटर्स द्वारा लगातार धान का उठाव किया जा रहा है। उन्होंने समिति प्रबंधकों से कहा कि धान की खरीदी होने के बाद व्यवस्थित स्टेकिंग लगाकर रखें। जिससे धान का उठाव करने में परेशानी न हो। उन्होंने धान खरीदी केन्द्रों को व्यवस्थित रखने के निर्देश दिए। बैठक में जिला खाद्य अधिकारी भूपेन्द्र मिश्रा, महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सुनील वर्मा, जिला विपणन अधिकारी गजेन्द्र राठौर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सभी एसडीएम और समिति प्रबंधक जुड़े रहे।

 

 

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