सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी से कहा कि वह स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर बनाए, परीक्षा केंद्र बनाने की प्रक्रिया में सुधार पर रिपोर्ट दे, छात्रों के वेरिफिकेशन को मजबूत किया जाए, पूरी प्रक्रिया में तकनीक की सहायता पर सुझाव दे. कमेटी केंद्र सरकार को 30 सितंबर तक रिपोर्ट दे. इन सबके अलावा कमेटी परीक्षा के पेपर में हेरफेर से बचने की व्यवस्था सुझाए.
यह कमेटी NTA के कामकाज की भी समीक्षा करेगी और परीक्षाओं में सुधार की सिफारिश करेगी. इस दौरान अदालत ने NTA को भी नसीहत दी. बेंच ने कहा कि हमने NEET-UG की परीक्षा को रद्द नहीं किया है, लेकिन आपकी खामियां खत्म करनी होंगी.
अदालत ने कहा कि इस मामले में कोई व्यवस्थागत खामी नहीं पाई गई है. ऐसे में इसे रद्द करने से उन लाखों छात्रों के हित प्रभावित होते, जो एग्जाम में बैठे थे. इसके अलावा परीक्षा पास करने वाले छात्रों के मनोबल पर भी विपरीत असर पड़ता. अदालत ने कहा कि पूरी जांच से पता चला है कि पेपर लीक पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था. इसका व्यापक असर नहीं था, जैसे किए दावे किए जा रहे थे.
‘बेहतर व्यवस्था बनाने पर भी दे ध्यान’
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कमेटी से ये भी कहा है कि वह परीक्षा केंद्रों पर बेहतर CCTV निगरानी को लेकर सुझाव दे, छात्रों की शिकायत के निवारण की बेहतर व्यवस्था बने इस पर भी ध्यान दे. 30 सितंबर तक कमेटी की रिपोर्ट मिलने के 2 सप्ताह के अंदर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय हमें रिपोर्ट के आधार पर उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दे.
CBI के आरोप पत्र में इन लोगों के नाम
इससे पहले NEET-UG पेपर लीक मामले में CBI ने जो पहला आरोप पत्र दाखिल किया है, उसमें उम्मीदवारों के साथ ही उम्मीदवारों के माता-पिता, इंजीनियर और पेपरलीक के सरगनाओं के नाम शामिल हैं. CBI ने ये भी कहा कि अभी जांच चल रही है और इस मामले में एक पूरक आरोप पत्र भी दायर की जाएगी. पहली चार्जशीट में 13 आरोपियों के नाम हैं, जिनमें 4 NEET उम्मीदवार, 1 जूनियर इंजीनियर और पेपरलीक के 2 सरगनाओं का नाम शामिल है.