केदारनाथ में खराब मौसम के कारण जहां वायुसेना का चिनूक हेलीकॉप्टर गौचर हवाईपट्टी से पूरे दिन उड़ान नहीं भर सका, वहीं एमआई-17 हेलीकॉप्टर भी सुबह सिर्फ एक चक्कर लगाकर 15 यात्रियों को गौचर पहुंचा सका. हालांकि केदारनाथ मार्ग पर स्थित लिंचोली, भीमबली, गौरीकुंड समेत अन्य निचले इलाकों में पैदल और हेली से राहत एवं बचाव अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा. इन क्षेत्रों से निजी हेलीकॉप्टरों की मदद से यात्रियों को रेस्क्यू कर शेरसी हेलीपैड पहुंचाया गया.
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 31 जुलाई की रात आई आपदा के बाद SDRF, NDRF, DDRF और स्थानीय पुलिस केदारनाथ घाटी में राहत एवं बचाव अभियान में जुटी हुई हैं. शुक्रवार शाम तक विभिन्न स्थानों में फंसे 7234 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. उधर, पैदल मार्ग पर लिंचोली के समीप थारू कैंप में मलबे से SDRF ने एक युवक का शव बरामद किया, जिसकी शिनाख्त 25 वर्षीय शुभम कश्यप निवासी सहारनपुर के रूप में हुई. लिंचोली में मलबे में एक शव बीते गुरुवार को भी मिला था. शुक्रवार को केदारनाथ, लिंचोली और भीमबली क्षेत्र से हेलीकॉप्टर के जरिए कुल 780 लोगों को रेस्क्यू किया गया. सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच एसडीआरएफ का रेस्क्यू मार्ग गुरुवार रात को बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया.
हिमाचल प्रदेश राज्य में डोली धरती, बादल फटने से तबाही
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बादल फटने की घटना और बाढ़ के कहर के बीच धरती भी डोल रही है. लाहौल-स्पीति में शुक्रवार शाम को करीब 5 बजे बादल फटने की ताजा घटना हुई है. इससे सगनम गांव में एक गाड़ी मलबे में दब गई है और एक महिला की बाढ़ में बहने की सूचना है.
बीते 48 घंटे में दूसरी बार लाहौल स्पीति की धरती में हलचल हुई है. लाहौल-स्पीति में हाल ही में 31 जुलाई और एक अगस्त मध्यरात्रि 0112 बजे भूकंप आया था. दोनों भूकंप हालांकि कम तीव्रता के थे. इनकी तीव्रता 3.2 माफी गई. उधर, लाहौल-स्पीति में ताजा बादल फटने की घटना के बाद आईटीबीपी 17वीं वाहिनी की दो टुकड़ियां राहत एवं बचाव अभियान के लिए रवाना किया गया है.
उत्तराखंड: 48 घंटे भारी बारिश का अलर्ट
उत्तराखंड में 48 घंटे भारी बारिश का अलर्ट है. 16 किमी लंबा केदारनाथ ट्रैक घोड़ा पड़ाव, लिनचोली, बड़ी लिनचोली और भीमबली में क्षतिग्रस्त हो गया है. रामबाड़ा के पास दो पुल भी कल रात बह गए. केदारनाथ में बादल फटने से अभी भी 2000 से ज्यादा लोग फंसे हैं. 5 हेलिकॉप्टर इन्हें निकालने में लगे हैं. अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित निकाला गया. NDRF-INS की 12 और SDRF की 60 टीमें बचाव में लगी हैं.
यात्रियों के परिजनों को दी जा रही जानकारी
जिला पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर 7579257572, 01364-233387 और आपातकालीन नंबर 112 जारी कर यात्रियों के परिजनों की कॉल्स पर जरूरी जानकारी दी जा रही है. भीमबली में रुके 150 यात्रियों ने प्रीपेड काउंटर पर लगे वाई-फाई नेटवर्क के माध्यम से अपने परिजनों से बातचीत कर उन्हें कुशलता की जानकारी दी. शुक्रवार को 599 लोगों को हेलीकॉप्टर सेवाओं से एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया. जबकि, सोनप्रयाग से जंगल चट्टी के बीच फंसे 2024 और चौमासी में फंसे 161 तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू किया गया. रेस्क्यू में जुटे लोगों का कहना है कि बारिश रेस्क्यू में बाधा डाल रही है. अब तक कुल 7,234 यात्रियों को हेलीकॉप्टर एवं मैनुअल तरीके से रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया है. NDRF, SDRF, वन विभाग, संबंधित जिला पुलिस और फायर एवं इमरजेंसी सेवाओं की टीमें बचाव कार्य में जुटीं हैं.