कोरोना की तीसरी लहर के चलते पांच राज्यों में होने वाले चुनावों का शोर फिलहाल थमा हुआ था, लेकिन अब आयोग की तरफ से राजनीतिक रैलियों और जनसभाओं को लेकर कुछ ढील देने का फैसला लिया गया है. चुनाव आयोग की तरफ से बताया गया है कि 1 हजार लोगों के साथ नेता जनसभा कर सकते हैं. पहले खुली जगहों पर 500 लोगों के साथ जनसभा की इजाजत थी. वहीं मैदान की 50 फीसदी क्षमता के साथ नेता जनसभा कर सकते हैं. हालांकि बड़ी रैलियों पर रोक अब भी जारी रहेगी.
कोरोना के मामलों में कुछ हद तक कमी को देखते हुए चुनाव आयोग की तरफ से ये छूट देने का फैसला लिया गया. इसके अलावा इनडोर और डोर-टू-डोर कैपेनिंग को लेकर भी कुछ राहत दी गई हैं. इनडोर की अगर बात करें तो इसमें 500 लोगों के साथ मीटिंग की छूट दी गई है. जो पहले 300 लोगों तक सीमित थी. वहीं डोर-टू-डोर में 20 लोग एक साथ चुनाव प्रचार करने जा सकते हैं. इससे पहले ये संख्या 10 लोगों की थी. लेकिन तमाम बड़ी रैलियों और चुनावी यात्राओं पर 11 फरवरी तक रोक जारी रहेगी.
तारीखों के ऐलान के बाद से लगातार पाबंदी
बता दें कि यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में 14 फरवरी से विधानसभा चुनावों की शुरुआत होने जा रही है. लेकिन चुनाव की तारीखों का जब ऐलान हुआ था तो देश में कोरोना अपने पीक पर था. इसके बाद चुनाव आयोग ने तमाम रैलियों और जनसभाओं पर रोक लगाने का फैसला किया था. लगभग हर हफ्ते इन पाबंदियों को आगे बढ़ाया गया. जिसके बाद नेता घर-घर जाकर प्रचार कर रहे थे. लेकिन अब चुनावों में काफी कम वक्त बचा है और कोरोना के मामलों में भी राहत है तो ऐसे में चुनाव आयोग ने कुछ ढील देने का ऐलान किया.