मनेंद्रगढ़। भरतपुर विकासखंड स्थित जनकपुर मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर भगवानपुर के आश्रित ग्राम उचेहरा में स्थित है राजा मांडा। यहां प्रतिदिन पूजा के समय तीन भालू प्रसाद खाने के लिए पहुंचते हैं और प्रसाद खाकर यह तीनों भालू वापस जंगल की ओर चले जाते हैं।
उचेहरा में स्थित कुटिया के साधु द्वारा जब तमूडा बजाया जाता है तब तमूडा की आवाज सुनकर यह जंगली भालू कुटिया में पहुंच जाते हैं। यह प्रक्रिया कई वर्षों से लगातार चली आ रही है। जिसे देखने के लिए प्रतिदिन भीड़ भी लगती है।