केंद्र की मोदी सरकार संसद में पेगासस मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार नहीं है। सोमवार को सभी पार्टियों के साथ बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ये जानकारी दी। इसी के साथ एक बात स्पष्ट हो गई है कि मानसून सत्र की तरह ही संसद का बजट सत्र भी हंगामेदार होने के आसार हैं। बता दें कि बजट सत्र की शुरुआत सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने के साथ हो गई। सत्र 8 अप्रैल तक जारी रहेगा, जिसके बीच में एक महीने का ब्रेक भी होगा।
पेगासस पर जांच कर रहा सुप्रीम कोर्ट, इसलिए केवल बजट से संबंधित मुद्दे उठाएं: संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी
सोमवार को ऑल-पार्टी मीट के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “कई पार्टियों ने पेगासस का मुद्दा उठाया है। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति मामले की जांच कर रही है। इसलिए (बजट सत्र के पहले भाग में) बजट से संबंधित मुद्दों को ही उठाया जाना चाहिए।” प्रल्हाद जोशी ने कहा कि आज की सर्वदलीय बैठक में 25 दलों ने भाग लिया। उन्होंने कहा, “सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बजट सत्र के पहले भाग में केवल राष्ट्रपति का अभिभाषण और बजट पेश किया जाता है।”
सत्र के दूसरे भाग में अन्य मुद्दों को उठा सकती हैं पार्टियां: संसदीय कार्य मंत्री
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा, “सत्र के दूसरे भाग में अन्य मुद्दों को उठाया जा सकता है। हमने कहा है कि यदि पार्टियां संसद के सुचारू संचालन में सहयोग करती हैं, तो सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। हमें उम्मीद है कि यह सत्र सुचारू रूप से चलेगा।” इससे पहले राज्यसभा के सभावित व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार शाम को राजनातिक दलों के साथ अहम बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में राज्यसभा के कामकाज के एजेंडे को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान फैसला लिया गया कि बजट सत्र के पहले भाग में कोई विधायी कार्य नहीं होगा। धन्यवाद प्रस्ताव और आम बजट एजेंडे में होगा। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट संसद में पेश करेंगी।