रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 4 पूर्व मंत्रियों ने राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान भूपेश बघेल ने कहा कि भिलाई DPS में 4 साल की बच्ची से दुराचार हुआ है, लेकिन SP ने कह दिया कि जांच हो गई और मामला दबा दिया। उन्होंने कहा कि SP कभी अभिभावक, कभी जज, कभी गुंडे की भूमिका में रहते हैं। बघेल ने कहा कि POCSO के अंतर्गत सबसे पहले FIR दर्ज करनी होती है, फिर जांच होती है, लेकिन FIR दर्ज नहीं हुई। बघेल ने कहा कि भिलाई स्टील प्रबंधन, प्रिंसिपल और तीसरा SP को बचाने की कोशिश हो रही है। ये मामला कहीं न कहीं लेन देन का है।
भूपेश बघेल ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में प्राइवेट पार्ट में जख्म की पुष्टि हुई है।मामला सरकार की जानकारी में है, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि 5 जुलाई को 4 साल की बच्ची की तबियत खराब होती है, जब उसकी जांच होती है तो पता चलता है कि प्राइवेट पार्ट में जख्म हैं। अभिभावकों को जब पता चला तो प्रिंसिपल ने कहा कि मैंने जांच की है। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। भूपेश बघेल ने कहा कि एसपी दुर्ग के संज्ञान में बात आने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। बहुत बेशर्मी के साथ एसपी दुर्ग यह कहते हैं कि इसमें कोई तथ्य नहीं हैं। अभिभावक भी इसमें FIR नहीं चाहते। आप बताइए कौन ऐसा अभिभावक होगा जो जिसकी बच्ची के साथ गलत हुआ है, वह अपराधी के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहेगा?
घेल ने कहा कि इसका साफ अर्थ है कि वह दबाव में है। बिना जांच कैसे हुई अगर एसपी के संज्ञान में यह बात आई थी तो इस पर कार्रवाई होनी थी। महिला बाल विकास मंत्री को ज्ञापन भी दिया था। यह बात मंत्री की जानकारी में आ गई तो इसका मतलब यह है कि सरकार की जानकारी में भी यह बात है। पूर्व मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विष्णु के सुशासन में 4 साल की बच्ची से अपराध हुआ, जिनके कंधों पर सुरक्षा करने के लिए स्टार लगे हैं, वही मामले को दबाने की कोशिश करें तो इससे बड़ा दुर्भाग्य छत्तीसगढ़ का नहीं हो सकता है। 2 मेडिकल डॉक्टर के कहने के बाद भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया। मंत्री को आवेदन के बाद भी कार्रवाई नहीं।
चौबे ने कहा कि प्रिंसिपल का टेस्ट क्यों नहीं होना चाहिए, उसके खिलाफ FIR क्यों नहीं होनी चाहिए। सारी बातें आ चुकी हैं, तो प्रिंसिपल को यह कहने को किसने कह दिया कि हमने जांच कर दिया। प्रेस को भी धमकाते हैं कि अगर आपने न्यूज चलाया तो आपके खिलाफ FIR हो जाएगी। इस देश में लोकतंत्र है। आप सुशासन के नाम पर छत्तीसगढ़ को अपराधों का गढ़ बना दिए हैं। पुसौर में एक महिला के साथ गैंगरेप करते हैं। कवर्धा और अंबिकापुर में गैंगरेप हो जाता है। रायपुर को अपराध का गढ़ बना दिया। कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है। आपने कैपिटल रायपुर को अपराधों का कैपिटल बना दिया है। सरकार को संज्ञान में लेकर इस तरह के अपराध को रोकना चाहिए। बता दें कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे, अमरजीत भगत, धनेंद साहू, सत्यनारायण शर्मा, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, सुशील आनंद शुक्ला, डॉक्टर राकेश गुप्ता शामिल रहे।