Bulldozer Action: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक जारी, फैसला सुरक्षित रखा

Supreme Court Hearing on Bulldozer Action: बुलडोजर एक्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट की रोक जारी रहेगी। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि फैसला आने तक बुलडोजर एक्शन पर रोक जारी रहेगी।

इससे पहले सुनवाई के दौरान SG तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार का पक्ष रखा। साथ ही कहा कि एक समुदाय विशेष के खिलाफ बुलडोजर एक्शन किए जाने के आरोप लगे हैं। मुझे यही बात परेशान कर रही है। इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं। हम जो भी निर्धारित कर रहे हैं वह पूरे देश के लिए होगा। चाहे वह मंदिर हो, दरगाह हो, उसे हटाना ही सही होगा, क्योंकि सार्वजनिक सुरक्षा सबसे पहले है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है और सड़क, जल निकायों या रेल पटरियों पर अतिक्रमण करने वाले किसी भी धार्मिक ढांचे को हटाया जाना चाहिए। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और बुलडोजर कार्रवाई और अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए उसके निर्देश सभी नागरिकों के लिए होंगे।

सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के लिए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता पहुंचे। वो मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरफ  भी पेश हुए हैं। उन्होंने कहा, “मेरा सुझाव है कि रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए। 10 दिन का समय देना चाहिए। मैं कुछ तथ्य रखना चाहता हूं। यहां ऐसी छवि बनाई जा रही है, जैसे एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।

हता की दलील पर जस्टिस गवई ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था में हैं। अवैध निर्माण हिंदू का हो या मुस्लिम का… कार्रवाई होनी चाहिए। इस पर मेहता ने कहा कि बिल्कुल, यही होता है। इसके बाद जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि अगर 2 अवैध ढांचे हैं और आप किसी अपराध के आरोप को आधार बना कर उनमें से सिर्फ 1 को गिराते हैं, तो सवाल उठेंगे ही।

17 सितंबर को कोर्ट ने 1 अक्टूबर तक एक्शन पर रोक लगा दी थी

बता दें कि इससे पहले 17 सितंबर को कोर्ट ने 1 अक्टूबर तक के लिए बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा था कि अगली सुनवाई तक देश में कहीं भी बुलडोजर एक्शन नहीं हो। सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइंस के अवैध अतिक्रमण पर एक्शन को अलग रखा था। केंद्र के सवाल उठाने पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के हाथ इस तरह नहीं बांधे जा सकते हैं। इस पर बेंच ने कहा था- अगर कार्रवाई दो हफ्ते रोक दी तो आसमान नहीं फट पड़ेगा।

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