राजस्थान मिठाई में घेवर का अपना अलग महत्व है। और घेवर राजस्थान की खास पहचान है । पूरे भारत और विदेशो में भी घेवर को पसन्द किया जाता है।
आइए जानते घेवर बनाने की विधि
एक बड़े बाउल में घी और बर्फ के टुकड़े डाल के फेटे जब घी कक्रीम की तरह हो जाये तो बर्फ निकाल के और क्रीम को ब्लेंडर (जिसमे मिल्क शेक लस्सी बनाते है) में डाल दे दूध डाल के एक बाद फेट ले|
धीरे धीरे करके मैदा और पानी मिलाते जाये और फेटते जाये सारा मैदा और पानी मिला के फेट ले अच्छे से 4-5 मिनट तक फेट ले|
बैटर को किसी बाउल में निकाल ले|
चाय बनाने के पैन में या फिर किसी छोटी कढाई में घी डाल के गरम करे|
जबी घी तेज गरम हो जाये तो गैस मध्यम कर दे और एक चम्मन बैटर घी में थोडा ऊपर से डाले| किसी लकड़ी की डंडी या चाक़ू से घी में पड़े हुए बाटर को किनारे कर दे और बीच्च में जगह बना ले| बीच में फिर से बैटर डाल दे जैसे ही घी की झाग ख़तम हो जाये तो और बैटर डालते जाये और बीच ने छेद बनाते जाये 5-6 चम्मच बैटर डालने के बाद घेवर को हलके से दबा के नीचे करके सेक ले फिर डंडी को घेवर के बीच में फसा के घी से बाहर निकाल के थोड़ी देर लटका के रखे जस सारा घी निकल जाये तो जाली स्टैंड के ऊपर रख दे|
इसी तरह से सारे घेवर बना के रख ले।
चाशनी के लिए
पानी और चाशनी मिला के गैस पैर चदा दे और एक तार की चाशनी बना ले फिर इलाइची पाउडर डाल दे|
मलाई बनाने के लिए
दूध को किसी भारी तले के बर्तन में उबाले धीमी आंच करे दूध को एक चौथाई हो जाने तक पका ले फिर चीनी औए इलाइची पाउडर मिला के गैस बना कर दे और मलाई को ठंडा हो जाये दे|
घेवर को जाली रैक पर रखे और ऊपर से चाशनी डाले, मलाई डाल के उपर से कटे हुए मेवे से सजा के सर्वे करे|
जितने घेवर सर्वे करने हो उतने में ही मलाई लगाये बाकी के एयरटाइट डिब्बे में स्टोर करके रख ले जब खाना हो निकाले और चासनी और मलाई लगा के सर्वे करे| इसे स्टोर करके 15-20 दिनों तक रख सकते है|