इस्लामाबाद। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में 15 और 16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन होने जा रहा है. इस सम्मेलन की वजह से पाकिस्तान सरकार हाई अलर्ट पर है. इस्लामाबाद और रावलपिंडी में 14 और 16 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. इसके साथ इस्लामाबाद और रावलपिंडी में सेना की तैनाती की जाएगी.
पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में हुए आतंकवादी हमलों और इमरान खान की पार्टी के समर्थकों द्वारा राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों के कारण इस्लामाबाद और रावलपिंडी में सुरक्षा को सैन्य नियंत्रण में रखने का फैसला किया है. इस्लामाबाद और रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के लगभग 10,000 सैनिकों और कमांडो को तैनात किया गया है. रिपोर्टों के अनुसार, स्थानीय पुलिस और अन्य सुरक्षा बल अब सीधे सेना से आदेश लेंगे.
इसके अलावा 12 से 16 अक्टूबर तक दोनों शहरों में विवाह हॉल, कैफे, रेस्तरां और स्नूकर क्लब बंद करने का आदेश दिया गया है. सरकार ने तनाव की चेतावनी जारी की है. व्यापारियों और होटल मालिकों को चेतावनी दी गई है कि अगर वे इसका पालन नहीं करते हैं तो उन्हें कानूनी परिणाम भुगतने होंगे. व्यापार मालिकों को जमानत बांड भरना होगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके प्रतिष्ठानों में कोई बाहरी व्यक्ति न रह रहा हो.
एससीओ शिखर सम्मेलन क्या है?
एससीओ सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होने वाली है. रविवार को विदेशी प्रतिनिधिमंडलों के पहुंचने के साथ ही 76 सदस्यीय रूसी प्रतिनिधिमंडल और एससीओ के सात प्रतिनिधि देश पहुंच गए. भारत का चार सदस्यीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भी पाकिस्तान पहुंचा. चीन से 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, किर्गिस्तान से 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और ईरान से दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी इस्लामाबाद पहुंचा.