प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह दिल्ली में रहते हैं लेकिन उनके दिल में उत्तराखंड भी रहता है। कहा कि उत्तराखंड से उनका विशेष नाता है। गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी संगठन के कार्यकर्ता रहते हुए भी वह उत्तराखंड से जुड़े हुए थे। कहा कि उत्तराखंड में विकास के लिए कई योजनाओं को हरी झंड़ी दिखाई गई है। मोदी ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का है। मोदी ने बताया कि इस बार का विधानसभा चुनाव 2022 बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद ही विकास योजनाओं में पहले से ज्यादा गति मिल पाएगी।
उत्तराखंड के कुमाऊं में नैनीताल सहित 14 विधानसभा सीटों में वर्चुअली चुनावी रैली ‘विजय संकल्प सभा’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वह विधानसभा चुनाव 2022 में चुनावी सभा के लिए वह 10 फरवरी को श्रीनगर, उत्तराखंड आ रहे हैं। कांग्रेस पर जमकर प्रहार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही तुष्टिकरण की राजनीति करती आई है और देश को बांटने का काम सदियों से कांग्रेस की सरकारों ने ही किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड को बर्बाद करने में कांग्रेस पार्टी ने कोई कमी कसर नहीं छोड़ी। मोदी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेकर कहा कि विकास कार्यों में कांग्रेस ने हमेशा ही रोड़ा डाला है, चाहे वो ऋषिकेश-कर्णप्रयार रेललाइन परियोजना हो या फिर ऑल वेदर रोड का प्रोजेक्ट हो। कांग्रेस की नियत और निष्ठा का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी ने पलायन और पर्वतीय जिलों में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कोई काम नहीं किया।
बदरीनाथ, केदारानाथ सहित चारधाम यात्रा पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि चारधाम भव्य और दिव्य बनेगा। इसके लिए ऑल वेदर रोड का काम लगभग पूरा हो चुका है, जिसके बाद अब किसी भी विपरीत मौसम में भी यात्रा आसानी से की जा सकती है। यह बहुत ही चिंता की बात थी कि कोरोनाकाल के समय दिल्ली सरकार ने प्रवासियों को बसों में भरकर उत्तराखंड वापस भेज दिया था। कहा कि लोगों के साथ इतना बड़ा अन्याय करने के बाद अब वह उत्तराखंड में वोट मांगने आए हैं।
क्या हैं कांग्रेस के चार काम
पीएम मोदी ने कांग्रेस के चार कामों को गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस कभी भी विकास के बारे में नहीं सोचती है। कांग्रेस का पहला काम सिर्फ एक परिवार लिए होता है, जबकि दूसरा काम भ्रष्टाचार का होता है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस का तीसरा काम तुष्टिकरण की राजनीति करना होता है, जबकि चौथा काम परियोजनाओं को लटकाना होता है ताकि इसका दोहन कर अपनी जेबें भरीं जा सकें।