रायपुर. छत्तीसगढ़ में मेयर चुनाव अब प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा. राज्य सरकार ने नगर पालिका अधिनियम में बदलाव की अधिसूचना जारी कर दी है. बता दें कि कांग्रेस सरकार ने महापौर चुनाव के नियमों में बदलाव किए थे. अब भाजपा सरकार ने फिर नगर पालिका अधिनियम में बदलाव कर दिया है.
अब मेयर चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होंगे. यह फैसला पिछली कैबिनेट की बैठक में लिया गया था. फैसले में बाद अब सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है.
5 साल पहले कांग्रेस सरकार ने किया था संशोधन
2018 में कांग्रेस की सरकार आई और भूपेश बघेल सीएम बने तो उन्होंने नियम में संशोधन किया था. भूपेश कार्यकाल से पहले जनता ही पार्षदों के साथ मेयर को चुनती थी, लेकिन नियम में संशोधन करके तत्कालीन सीएम ने पार्षद को महापौर चुनने का हक दे दिया था. कांग्रेस सरकार में किए गए नियम संशोधन का बीजेपी नेताओं ने विरोध किया था. अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद इस नियम को बदल दिया गया है. अब फिर जनता महापौर का चुनाव करेगी.
दिग्विजय सिंह ने दिया था महापौर चुनने का अधिकार
मध्यप्रदेश शासनकाल में 1999 में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार ने राज्य में महापौर चुनने का अधिकार पार्षदों से छीनकर जनता के हाथ में दिया था. तब से लेकर 2018 तक ये अधिकार छत्तीसगढ़ की जनता के पास था. 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद संशोधन हुआ और हक पार्षदों को मिल गया था.