रायपुर। राजधानी स्थित एमिटी यूनिवर्सिटी (Amity University) में हाल ही में हुई गुंडागर्दी की घटना ने विश्वविद्यालय प्रबंधन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं. तीन दिन पहले यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में चाकूबाजी, कट्टे के बल पर मारपीट और तोड़फोड़ की घटना हुई थी, जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन घटना को दबाने में लगा हुआ है और दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं मामले में आज NSUI ने चेतावनी देते हुए प्रबंधन से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है.
घटना के अनुसार, एमिटी यूनिवर्सिटी खरोरा में एक मामूली विवाद को लेकर हॉस्टल के एक गुट ने धारदार हथियार, चाकू और कट्टे से लैस होकर बॉयज़ हॉस्टल के विभिन्न रूम में जाकर गेट तोड़ना, खिड़की का कांच तोड़ना और छात्रों पर हमला किया, जिससे कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए. घटना की जानकारी देते हुए NSUI जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने कहा कि यूनिवर्सिटी के डिप्टी डायरेक्टर बिमलेश सिंह चौहान का दोषी पक्ष बेहद करीबी है, जिसके कारण लगातार शिकायत के बाद भी अभी तक दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
मामले को लेकर एनएसयूआई ने एमिटी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार सुरेश ध्यानी को ज्ञापन देते हुए मांग कि है की यदि अपराधियों के करीबी बिमलेश चौहान को यूनिवर्सिटी पद मुक्त करते हुए बर्खास्त नहीं करते हैं. साथ ही जिन छात्रों ने हथियार से हमला किया है उन्हें निलंबित नहीं करते तो एनएसयूआई उग्र प्रदर्शन करेगी.
लड़की को लेकर हुआ विवाद
बताया जा रहा है कि आरोपी छात्र ने पीड़ित को पहले एक लड़की से बात न करने की धमकी दी थी, जिसके बाद पीड़ित ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मेरी दोस्त है, बात क्यों नहीं करूंगा. इसके बाद ही विवाद बढ़ गया और हिंसक रूप ले लिया.
रजिस्ट्रार ने कहा
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार सुरेश ध्यानी ने कहा मामले को संज्ञान में लिया गया है. चार लोगों की जांच कमेटी गठित की गई है और तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी.