नई दिल्ली: माओवादी टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को चार राज्यों में छापेमारी की है. टीम ने चारों राज्यों के 26 लोकेशन पर छापेमारी की है. एनआईए ने स्थानीय पुलिस, बिहार एसटीएफ और सीआरपीएफ की मदद से जहानाबाद में 8, पटना ग्रामीण में 2, अरवल में 1, नालंदा में 1, गया में 8, नवादा में 1 और औरंगाबाद में 2 स्थानों पर छापेमारी की. इसके अलावा झारखंड के कोडरमा में 1, ओडिशा में भुवनेश्वर में 1 और आंध्र प्रदेश में नेल्लोर में भी 1 स्थान पर छापेमारी की है. इन जगहों पर आरोपियों और संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया गया है.
मामला बिहार के मगध क्षेत्र में भाकपा (माओवादी) कैडरों और ओवर ग्राउंड वर्कर (OGWs) द्वारा संचालित आतंकवाद के नेटवर्क से संबंधित है. उनके नापाक इरादों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न जेलों में बंद नक्सलियों, ओवर ग्राउंड वर्कर्स के संपर्क में हथियार और गोला-बारूद की खरीद और नए कैडर की भर्ती के लिए धन जुटाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि इस क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों को पुनर्जीवित और मजबूत किया जा सके. आज शनिवार को की गई तलाशी के दौरान 3 देशी पिस्टल, एक .315 बोर राइफल, 59 लाइव राउंड, कई डिजिटल उपकरण, नक्सल साहित्य, आपत्तिजनक दस्तावेज और 4 किलोग्राम संदिग्ध नशीला पदार्थ जब्त किया गया है. मामले में आगे की जांच जारी है.
वहीं, तमिलनाडु के तंजावुर में भी NIA की टीम ने छापेमारी की. सूत्रों का कहना है कि अब्दुल खादर के सुराग के आधार पर एक दोपहिया मैकेनिक अहमद के आवासों पर तलाशी शुरू की गई थी, जिसे कथित तौर पर खिलाफत आंदोलन का हिस्सा होने के आरोप में एक साल पहले गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा एक अन्य व्यक्ति मन्नई बाबा के आवास पर भी छापेमारी की गई. मन्नई बाबा को भी चार महीने गिरफ्तार किया गया था. पांच घंटे तक चली जांच के दौरान खादर और अहमद के आवास के बाहर भारी संख्या में भीड़ जुट गई. लोगों ने एनआईए के खिलाफ नारेबाजी की और टीम की कार्रवाई का विरोध भी किया. इसके बाद स्थानीय पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप कर मामले को शांत कराया. उधर, खादर और अहमद दोनों ने कहा कि एनआईए की टीम ने उनके आधार कार्ड की डिटेल ली, उनके फोन जब्त किए हैं.