गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत होने से उद्योग एवं व्यापार को भी फायदा हुआ : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

राजनांदगांव। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की 26वीं कड़ी ’सुगम उद्योग, व्यापार उन्नत कारोबार्य विषय पर आधारित मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी को आज राजनांदगांव विकासखंड के सुरगी के ग्रामवासियों ने तन्मयतापूर्वक सुना। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन की योजनाओं से गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। उसका लाभ उद्योग और व्यापार जगत को मिला। औद्योगिक नीति 2019-2024 की घोषणा की थी। जिसमें फूड, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, दवा, सोलर जैसे नए उद्योगों को प्राथमिकता दी गई थी। उन्होंनें कहा कि छत्तीसगढ़ में सेवा क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिल रहा है। पर्यटन के अलावा अन्य कार्यों को भी चिन्हांकित किया गया है। एमएसएमई सेवा श्रेणी उद्यमों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, सेवा केन्द्र, बीपीओ, 3-डी प्रिंटिंग, बीज ग्रेडिंग इत्यादि 16 सेवाओं को सामान्य श्रेणी के उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक क्षेत्रों एवं औद्योगिक क्षेत्रों से बाहर 10 एकड़ तक आबंटित भूमि को लीज होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने हेतु नियम तैयार कर अधिसूचना जारी की गई। ऐसे प्रयासों के कारण छत्तीसगढ़ में तीन वर्षों में 1 हजार 715 नए उद्योग स्थापित हुए, जिसमें 19 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ तथा 33 हजार लोगों को रोजगार मिला है। उद्योग विभाग द्वारा एकल खिड़की प्रणाली से 56 ऑनलाईन सेवाएं दी जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छोटे भू-खण्डों की खरीदी एवं बिक्री पर रोक को हटाने का निर्णय लिया गया और इससे भी कारोबार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस एक निर्णय से 2 लाख 87 हजार भू-खण्डों के सौदे हुए। अब सोचिए कि एक भू-खण्ड बिकने से क्रेता-विक्रेता के अलावा उस भू-खण्ड को विकसित करने वाले कई लोगों को लाभ मिलता है। सीमेंट, लोहा, भवन सामग्री के विक्रेता, बिजली, नल, मिस्त्री, बढ़ई, राजमिस्त्री और कई तरह के काम करने वाले लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। आदिवासी अंचलों में देवगुड़ी तथा घोटुल स्थलों का विकास किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ी खान-पान को प्रोत्साहित करने के लिए गढ़ कलेवा की स्थापना 16 जिलों में कर दी गई है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था के लिए चार तरह के संसाधनों का सबसे ज्यादा योगदान हो सकता है-पहला खनिज, दूसरा कृषि, तीसरा वानिकी और चौथा मानव संसाधन। खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए पूर्व में अनेक प्रयास हुए हैं लेकिन उनकी अपनी सीमाएं भी हैं। कृषि, वन और मानव संसाधन की भागीदारी को बहुत बड़े पैमाने में बढ़ाने की संभावनाएं हैं, जिस पर पहले गंभीरता से काम नहीं किया गया। एक ओर धान की खेती करने वाले किसानों का मनोबल बढ़ाया वहीं दूसरी ओर वैकल्पिक फसलों के प्रति भरपूर जागरूकता पैदा कर दी। प्रदेश में धान की उत्पादकता और उत्पादन में रिकार्ड तोड़ वृद्धि हुई है। वहीं हर साल समर्थन मूल्य पर खरीदी का भी नया कीर्तिमान बना है। चाय, कॉफी, काजू, फल, फूल की खेती लगातार बढऩे के साथ ही प्राकृतिक रेशों से धागे बनाने का काम भी हो रहा है। अब हमने 61 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की व्यवस्था कर दी है।
ग्राम सुरगी के सरपंच आनंद साहू ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकवाणी सुनकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि कि सुराजी ग्राम योजना के तहत गांव के गौठान, रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित हो रहे है और यहां समूह की महिलाओं के लिए रोजगार के व्यापक अवसर प्राप्त हो रहे है। गांव की श्रीमती तारा सोनकर ने कहा कि शासन की लोककल्याणकारी योजनाओं से जमीनी स्तर पर किसान एवं अन्य वर्गों के लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यम श्रेणी के उद्यमियों को भी योजनाओं के तहत लाभ मिल रहा है। श्रीमती सरोजनी सिन्हा ने कहा कि गौठान में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण से जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। फल-फूल एवं सब्जी की खेती, तार-जाली निर्माण, मत्स्य पालन जैसी गतिविधियों से जुड़कर समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत बन रही है।

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