राजनांदगांव। पशुधन विकास विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा बीते दिवस 08 जनवरी को को आदेश जारी कर एकमुश्त 40 की संख्या में विभाग में पदस्थ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों को अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया गया है। जबकि वर्तमान में छ.ग. शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कोई भी स्थानान्तरण नीति जारी नहीं किया गया है। अतः प्रथम दृष्ट्या उक्त आदेश संवर्ग के प्रति विद्वेषपूर्ण भायना से ओतप्रोत होकर विभाग की तानाशाही, एवं मनमाना रवैये को परिलक्षित कर रहा है। इसके विरोध में छत्तीसगढ़ सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ द्वारा आज 14 जनवरी को मंत्रालय में सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त छ.ग. शासन तथा संचालक पशु चिकित्सा सेवायें रायपुर को ज्ञापन सौंपा गया।
गौरतलब है कि संवर्ग सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पशुधन विकास विभाग के मैदानी स्तर पर कार्यरत है जिनकी पदस्थापना पशु औषधालयों के संस्था प्रभारी के रूप में होती है तथा एक कार्यपालिक पद है। ग्रामीण क्षेत्रों में समस्त प्रकार की पशु चिकित्सा सेवाएं इनके द्वारा प्रदान की जाती है जिसमें सामान्य पशु उपचार, पशु स्वास्थ्य रक्षा हेतु टीकाकरण, पशु प्रबंधन एवं पोषण संबंधी समाधान सम्मिलित है। पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन कर पशुपालकों को लाभान्वित किया जाना तथा पशुधन विकास विभाग के विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन, वर्तमान में भारत सरकार के द्वारा नस्ल सुधार हेतु राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत टीकाकरण एवं राष्ट्रीय 21 वीं पशु संगणना कार्य का संपादन किया जा रहा है जिसमें उनकी 100% भागीदारी निश्चित की गई है तथा पशुओं के पहचान हेतु टैगिंग का कार्य भी संवर्ग को सौंपा गया है। वर्षों से ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी अमूल्य सेवाएं विभाग द्वारा ली जाती रहीं हैं तथा ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सा से संबंधित संपूर्ण कार्य इन्हीं के द्वारा किया जाता है गौरतलब है इनकी कार्य के स्वरूप एवं प्रकृति को देखते हुए ग्रामीण जनों के द्वारा पशु चिकित्सक के रूप में इन्हीं को ही जाना जाता है तथा उसी की भांति यह मैदानी स्तर पर कार्य करते आ रहे है।
वर्तमान में पशुधन विकास विभाग में विभागीय सेटअप अनुरूप सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संवर्ग के 2246 स्वीकृत पदों के विरूद्ध केवल 1100 कर्मचारी कार्यरत हैं, इस प्रकार 1046 रिक्त पद हैं। तथा प्रतिवर्ष लगभग 100 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं जिससे विभागीय निकटस्थ संस्थाओं का अतिरिक्त प्रभार के कारण उनके कार्यों का बोझ अनावश्यक बढ़ रहा है। यहां उल्लेखनीय है कि राज्य में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संवर्ग की पदस्थापना हेतु चार पॉलीटेक्निक कॉलेजों की स्थापना की गई है जिसके प्रारंभ होने के उपरान्त आज दिनांक तक तीन मैच अपना कोर्स पूर्ण का चुके हैं जो लगभग 4000 की संख्या में हैं और वर्तमान में बेरोजगारी का दंश झेल रहे है, जो राज्य के मूल निवासी हैं, तथा निम्न आय वाले मध्यम वर्गीय एवं गरीब परिवार से हैं तथा अपने पदस्थापना की राह देख रहे है। राज्य में 50% पशु औषधालय में सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के पद रिक्त पड़े होने के बावजूद नवीन पदस्थापना हेतु राज्य शासन को प्रस्ताव भेजने के बजाये स्थानान्तरण की प्रक्रिया का सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ विरोध करता है एवं कड़े शब्दों में निन्दा करता है।