छत्तीसगढ़ के बड़े धार्मिक और सांस्कृति मेले की शुरूआत 16 फरवरी से हो रही है। इस बार इस कार्यक्रम में कई बड़े स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी। गरियाबंद के जिला प्रशासन ने अफसरों को मंगलवार शाम 5 बजे तक सभी तैयारियां खत्म करने को कहा है। इस बार यहां लोगों के मनोरंजन के लिए पंथी, पंडवानी, भरथरी जैसे आर्ट फील्ड से जुड़े दिग्गज कलाकार परफॉर्म करेंगे। ये कार्यक्रम 1 मार्च तक चलेंगे।
इन कार्यक्रमों की होगी पेशकश
कार्यक्रम के पहले दिन 16 फरवरी को पंडवानी गायिका उषा बारले और दिलीप षंढ़गी परफॉर्म करेंगे।
दूसरे दिन 17 फरवरी को दिनेश जांगड़े द्वारा पंथी और महेश वर्मा द्वारा लोकमंच की प्रस्तुति होगी।
तीसरे दिन 18 फरवरी को भरथरी गायिका रजनी रजक, पंडवानी गायिका ऋतु वर्मा और भिलाई के रिखी क्षत्रीय द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी।
20 फरवरी को पंडवानी गायिका प्रभा यादव और गोपी चंदा, गोरेलाल बर्मन की प्रस्तुति होगी।
21 फरवरी को टिकेन्द्र वर्मा, पूनम विराट प्रस्तुति देंगे।
22 फरवरी पंडवानी गायक चेतन देवांगन, भरथरी गायिका रेखा जलक्षत्री तथा खरोरा के चन्द्रभूषण वर्मा कार्यक्रम देंगे।
23 फरवरी को पद्मश्री आर.एस. बारले पंथी नृत्य, दुर्ग के राग अनुराग के कार्यक्रम होंगे।
24 फरवरी को पप्पु चन्द्राकर, कविता वासनिक प्रस्तुति देंगे।
25 फरवरी को लोक सरगम हिम्मत सिन्हा, अमृता बारले के भरथरी तथा दीपक चन्द्राकर के लोकरंग अर्जुन्दा की प्रस्तुति होगी।
26 फरवरी को सुनील मानिकपुरी मुख्य आकर्षण होंगे।
27 फरवरी को शिवा जांगड़े के लोकमंच और चंदैनी गोंदा के कार्यक्रम होंगे।
28 फरवरी को मीना साहू द्वारा पंडवानी, यशवंत डहरिया द्वारा पंथी एवं रायपुर के अनुराग शर्मा द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी।
1 मार्च को पद्मश्री डॉ. ममता चन्द्राकर, तरूण निषाद कार्यक्रम पेश करेंगे।
विभागीय योजनाओं की झांकी भी
जिले की कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि मेले से संबंधित सभी व्यवस्थाएं मंगलवार की शाम 5 बजे तक सुनिश्चित किया जाए। इस मेले में मुख्य मंच के पास एक बड़े डोम में प्रतिदिन विभागीय योजनाओं व कार्यक्रमों को आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा। मेले को ध्यान में रखकर लोक निर्माण विभाग ने यहां सड़कों के मरम्मत और अस्थाई निर्माण किए हैं। टेंट और बेरिकेड्स लगाए गए हैं।