रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में पोषण माह अभियान को एक जन आंदोलन के रूप में सफलतापूर्वक आयोजित किया, जिसके लिए छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया.
समुदाय आधारित पोषण प्रबंधन और व्यवहार परिवर्तन के लिए इस योजना का संचालन किया गया. खान-पान का सेहत पर होने वाले असर पर आधारित पोषण माह का मुख्य उद्देश्य कुपोषण और एनीमिया जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से निपटना है. इस अभियान के दौरान एनीमिया पर निगरानी रखी गई, पूरक पोषण आहार पर ज़ोर दिया गया, पोषण भी पढ़ाई भी पर कई महत्वपूर्ण फ़ैसले हुए और गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आह्वान पर छत्तीसगढ़ में 1 करोड़ 33 लाख से अधिक पोषण जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिससे राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया. राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने इस दौरान 23 लाख बच्चों के हाईट-वेट दर्ज किए थे.
राष्ट्रीय पोषण माह के साथ ही इन दिनों प्रदेश की आंगनबाड़ियों में वजन त्यौहार भी मनाया गया, इसके अंतर्गत बच्चों के वजन में बढ़ोत्तरी को मापने के साथ ही सामुदायिक जागरूकता का काम भी किया जा रहा है. वजन त्योहार के दौरान लिए गए बच्चों के वजन सहित अन्य विवरण को महिला और बाल विकास विभाग के मोबाइल ऐप पर दर्ज किया गया.
पोषण माह के दौरान सुपोषण चौपाल, अन्नप्राशन दिवस, परिवार चौपाल, पोषण मेला, व्यंजन प्रदर्शन,स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता जैसे आयोजन पंचायत और शहरी क्षेत्रों में किए गए. पोषण के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए स्कूलों में नारा लेखन, निबंध, चित्रकला और दीवार लेखन, स्पर्धाएं आयोजित की गई. राष्ट्रीय पोषण माह के तहत ग्राम पंचायत के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों और शालाओं में पोषण वाटिका भी विकसित की गई.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर पोषण अभियान के तहत प्रदेश में अब 95 लाख 36 हजार 267 गतिविधियों का आयोजन किया जा चुका है. जिसमें सर्वाधिक छह लाख 70 हजार से अधिक गतिविधियों का संचालन जशपुर जिले में किया जा चुका है. जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में जशपुर जिला ने पूरे प्रदेश में शानदार सफलता अर्जित की और पहले पायदान पर पहुंच गया है.
आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 अंतर्गत पोषण अभियान के तहत जनसमुदाय तक स्वास्थ्य पोषण और स्वच्छता संबंधित व्यापक प्रचार एवं प्रभावी व्यवहार परिवर्तन के लिए जनआंदोलन के रूप में ‘‘राष्ट्रीय पोषण माह’’ का आयोजन किया गया. पोषण माह के दौरान, आंगनबाड़ी केंद्रों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों का अन्नप्राशन, वजन मापन, और पोषण शिक्षा शामिल थे. कोरबा जिले में मंत्री लखनलाल देवांगन ने 700 आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाने की घोषणा की.
भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन और राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दिशा-निर्देश पर छत्तीसगढ़ में 1 से 30 सितंबर 2024 तक पोषण माह का आयोजन किया गया जो जन आंदोलन के रूप में 7वां राष्ट्रीय पोषण माह बना. इस दौरान गांवों से लेकर राज्य स्तर तक सुपोषण की हवा बिखर गई थी जिसकी महक से छत्तीसगढ़ सदा महकता रहेगा.
राज्य के 52 हजार से अधिक आंगनबाड़ियों में चलने वाले पोषण अभियान के तहत, आंगनबाड़ी केंद्रों में कई गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. इस अभियान में छह साल से कम उम्र के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं, और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण को बेहतर बनाना है. पोषण अभियान के तहत, जनसमुदाय तक स्वास्थ्य, पोषण, और स्वच्छता का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.
पोषण अभियान के तहत जनआंदोलन के रूप में राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जाता है. अभियान का मुख्य उद्देष्य 06 वर्ष आयु तक के बच्चों में कुपोषण और एनीमिया तथा 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं को एनीमिया मुक्त करना है. इस अभियान के क्रियान्वयन में होने वाले व्यय की प्रति पूर्ति जिला स्तर पर उपलब्ध खनिज न्यास निधी से प्राप्त धनराशि से किया गया.
इस अभियान के तहत संपूर्ण स्तनपान और ऊपरी आहार के जरिए बच्चों में कुपोषण और खून की कमी दूर करने के प्रयास किए गए और इस अभियान में अधिक से अधिक बच्चों और शिशुवती माताओं को जोड़ने के लिए स्वस्थ बालक स्पर्धा, पोषण भी-पढ़ाई भी, मेरी माटी मेरा देश, जनजातीय केन्द्रित पोषण संवेदना और प्रबंधन और मिशन लाईफ जैसी गतिविधियां आयोजित की गई. जा रही हैं.
छत्तीसगढ़ के लगभग 52 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में महिलाओं और बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और उनके पोषण संबंधित देख-भाल के लिए समझाइश दी जा रही है. छत्तीसगढ़ को एनीमिया और कुपोषण मुक्त बनाने के लिए गांवों में महिला बाल विकास विभाग द्वारा सुपोषण रथ के माध्यम से जागरूकता लाई गई.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के समस्त जनप्रतिनिधि, पंचायती राज संस्था प्रतिनिधि महिला स्व-सहायता समूहों, प्रबुद्ध वर्ग, विद्यार्थी वर्ग, सर्वाजनिक और निजी क्षेत्रों के निकायों के प्रतिनिधि और जनसमुदाय से अपील की थी कि पोषण माह की गतिविधियों में पूरे उत्सह और ऊर्जा के साथ छत्तीसगढ़ को कुपोषण और एनीमिया मुक्त बनाने सहभागी बने.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने पोषण माह अभियान को सफलतापूर्वक आयोजित किया, जिससे राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया. इससे प्रदेश में कुपोषण और एनीमिया की रोकथाम में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है