IND vs ENG T20I: राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) ने अपने एंटी-डोपिंग प्रोग्राम का दायरा बढ़ाया है. इसके लिए उसने भारत के 14 स्टार क्रिकेटर्स को शामिल किया है. जानिए कौन-कौन खिलाड़ी इसमें शामिल हैं.
भारत और इंग्लैंड के बीच 22 जनवरी यानी आज से 5 मैचों की टी20 सीरीज का आगाज होने जा रहा है. पहला मुकाबला कोलकाता में होने वाला है. इस सीरीज से पहले देश की डोपिंग रोधी एजेंसी NADA (नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी) ने एक बड़ा फैसला लिया है. नाडा ने देश के 14 प्रमुख खिलाड़ियों को अपने रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल (RTP) में शामिल किया है. इनमें जसप्रीत बुमराह, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत, शुभमन गिल, और हार्दिक पंड्या जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
NADA की RTP लिस्ट में कौन-कौन?
NADA ने RTP के तहत जिन खिलाड़ियों को शामिल किया है, उनमें कप्तान सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत, शुभमन गिल, जसप्रीत बुमराह, हार्दिक पंड्या, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, यशस्वी जायसवाल, अर्शदीप सिंह, संजू सैमसन, और तिलक वर्मा का नाम है, वहीं महिला खिलाड़ियों में शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा, और रेणुका सिंह ठाकुर हैं.
क्यों उठाया गया ये कदम?
NADA का यह कदम खिलाड़ियों को जांच के दायरे में लाने और एथलीट्स के बीच डोपिंग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए है. व्हाइट बॉल सीरीज के अलग-अलग मैच वेन्यू पर कुछ खिलाड़ियों के सैंपल लिए जाएंगे और उनकी जांच की जाएगी. यह प्रक्रिया खिलाड़ियों और एथलीट्स के बीच डोपिंग को रोकने और उन्हें जागरूक करने के लिए की जाती है. इसका उद्देश्य सिर्फ जागरूकता बढ़ाना है.
क्या RTP में शामिल होने का मतलब है खतरा?
RTP में शामिल होने का मतलब यह नहीं कि खिलाड़ी डोपिंग में शामिल हैं. यह केवल NADA के एंटी-डोपिंग प्रोग्राम का हिस्सा है. हालांकि, RTP लिस्ट में शामिल होने के बाद खिलाड़ियों को अपनी ट्रेनिंग लोकेशन, संपर्क विवरण, और अन्य जरूरी जानकारी NADA को समय पर देनी होती है.
2019 में शामिल किए गए थे ये खिलाड़ी
यह पहली बार नहीं है जब NADA ने खिलाड़ियों को RTP में शामिल किया है. इससे पहले भी क्रिकेटर इसका हिस्सा रह चुके हैं. साल 1019 में केएल राहुल, रवींद्र जडेजा, चेतेश्वर पुजारा, स्मृति मंधाना, और दीप्ति शर्मा शामिल थे. फिर साल 2020 में लॉकडाउन के चलते कुछ खिलाड़ियों ने जानकारी समय पर नहीं दी, जिसके कारण उन्हें चेतावनी दी गई थी.
नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई होगी
RTP में शामिल खिलाड़ी अगर 12 महीनों के भीतर अपनी जानकारी NADA को नहीं देते हैं, तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा. ऐसी स्थिति में एजेंसी कार्रवाई कर सकती है.