गले को मिलता है आराम
खांसी होने पर गले में दर्द व जलन की शिकायत होना बेहद आम बात है, लेकिन मुलेठी के सेवन से आपको काफी फायदा मिलता है। दरअसल, मुलेठी में ग्लाइसीराइज़िन होता है, जो एक ऐसा कंपाउंड है, जो गले को कोट करता है और जलन को शांत करने में मदद करता है। यही कारण है कि यह अक्सर गले की खराश
होते हैं एंटी-वायरल गुण
बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि मुलेठी में एंटीवायरल गुण होते हैं, जो सर्दी या फ्लू जैसे वायरस के कारण होने वाली खांसी के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। इससे आपको जल्द ठीक होने में काफी मदद मिलती है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी (2004) में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला कि मुलेठी का अर्क कुछ वायरस के विकास को रोक सकता है, जिसमें रेस्पिरेटरी इंफेक्शन पैदा करने वाले वायरस भी शामिल हैं।
इम्यूनिटी होती है बूस्ट
जर्नल ऑफ क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी (2007) में एक स्टडी में यह पाया गया कि मुलेठी की जड़ इम्यून सेल्स को उत्तेजित कर सकती है, जिससे आपके इम्यून सिस्टम पर अच्छा असर पड़ता है। इससे खांसी का कारण बनने वाले इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलती है। चूंकि, मुलेठी में इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने वाले गुण होते हैं, इसलिए इसके इस्तेमाल से आपका शरीर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमणों से काफी मजबूती से लड़ता है, जो खांसी का कारण बन सकते हैं।
होते हैं एंटी-इंफ्लमेटरी प्रभाव
मुलेठी का नेचुरल एंटी-इंफ्लमेटरी प्रभाव होता है। जिसकी वजह से यह श्वसन तंत्र में सूजन को कम करने में मददगार है। कई बार गले में सूजन की वजह से व्यक्ति को बार-बार खांसी होती है। इस स्थिति में मुलेठी काफी फायदेमंद साबित होती है।
और सिरप में मुलेठी को शामिल किया जाता है। साल 2004 के फाइटोथेरेपी रिसर्च में पब्लिश हुई एक स्टडी के अनुसार, मुलेठी से प्राप्त ग्लाइसीराइज़िन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इसे गले में खराश और खांसी के इलाज में प्रभावी बनाता है।