छत्तीसगढ़ का एक परिवार, जिनके आंगन में रोज फहरता है तिरंगा, 23 सालों से निभा रहे परंपरा, पढ़िए पूरी स्टोरी…

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ में एक ऐसा परिवार है, जिनके आंगन में हर दिन तिरंगा शान से लहराता है. सुबह-सुबह आरती और घंटी की गूंज नहीं, बल्कि राष्ट्रगान जन गण मन के स्वर गूंजते हैं. परिवार का प्रत्येक सदस्य मंदिर में जाने से पहले तिरंगे को सलामी देता है.
यह कहानी नेहरू नगर बिलासपुर के आईटीआई के रिटायर्ड अधिकारी केके श्रीवास्तव के घर की, जिन्होंने घर में ही तिरंगा लहराने की परंपरा को वर्ष 2002 में शुरू कराया, जो आज तक जारी है. बीते 23 वर्षों से उनके घर में कोई मेहमान आने पर उन्हें भी राष्ट्रीय ध्वज के सामने सलामी देने की भी परंपरा निभाई जा रही. लल्लूराम डॉट कॉम की टीम ने केके श्रीवास्तव से बातचीत की. श्रीवास्तव ने बताया कि बचपन में 15 अगस्त के दौरान उन्हें स्कूल के किसी शिक्षक ने झंडे की छांव के नीचे खड़ा होने से मना किया था. नहीं मानने पर उन्हें धक्का देकर हटाया भी गया था. यही बात उनके जहन में घर कर गई. तब वे छोटे थे, पर तभी से उन्होंने ठान लिया था कि एक न एक दिन घर की छत पर तिरंगा फहराएंगे और अपने परिवार को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे.

सरकार ने दी है श्रीवास्तव परिवार को अनुमति (Republic Day Special)

रिटायर्ड अधिकारी केके श्रीवास्तव ने बताया कि शादी के बाद उन्होंने अपनी पत्नी से यह बात शेयर की और पत्नी ने भी उन्हें इस काम को करने में साथ दिया. इसी का नतीजा है कि पिता के आदर्शों को घर का हर एक मेंबर अपना चुका है. परिवार के सदस्य घर में हर दिन तिरंगा फहराता है. श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार ने वर्ष 2002 के बाद से घर या ऑफिस में नियम पूर्वक तिरंगा फहराने की अनुमति दी है, तभी से वे ऐसा करने में लगे. इसके पीछे का मकसद लोगों को अपने देश के प्रति और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति गंभीर बनाना है. वे चाहते हैं कि अपना राष्ट्रीय ध्वज हर घर में लहराता रहे. इससे उन्हें खुशी होगी. साथ ही उनके बच्चे भी उन्हें इस काम में आगे आने के लिए प्रेरित करते रहते हैं. इसके चलते आज उन्हें एक अलग पहचान मिली है.

श्रीवास्तव परिवार का मकसद – हर किसी के मन में देशभक्ति जगाना

रिटायर्ड अधिकारी की पत्नी नीरजा श्रीवास्तव ने बताया कि आईटीआई में प्रशिक्षण अधिकारी के तौर पर काम कर चुके श्रीवास्तव की दो बेटियां और एक बेटा है. उनकी बड़ी बेटी बेंगलुरु और छोटी बेटी दिल्ली में रहते हैं. बेटा प्रखर गुवाहाटी में पढ़ाई कर रहा है. सारा परिवार एक साथ घर में त्योहार मनाते हैं. घर में पहले राष्ट्रगान बजता है, फिर कुछ दूसरा नेक काम होता है. श्रीवास्तव का कहना है कि घर में राष्ट्रगान गाने और तिरंगा फहराने से उन्हें खुशी मिलती है और यह काम जीवनभर करेंगे. श्रीवास्तव परिवार की देशभक्ति का मकसद सिर्फ एक ही है कि हर किसी के मन में देशभक्ति को जगाना. उनकी इच्छा है कि हर किसी के घर पर तिरंगा लहराता रहे.

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